बेंगलुरु, 20 जनवरी (भाषा) वरिष्ठ भाजपा विधायकों बासनगौड़ा पाटिल यतनाल एवं एम पी रेणुकाचार्य ने बृहस्पतिवार को अकेले में बातचीत की तथा उन बेअसरकारी मंत्रियों को हटाकर कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए दबाव बनाया जो महज बस सत्ता की खातिर पार्टी में हैं।
दोनों नेताओं ने कहा कि उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की सत्ता में वापसी के लिए काम करने पर चर्चा की।
रेणुकाचार्य ने कहा, ‘‘ हमने वर्तमान राजनीति, सत्ता में भाजपा को वापस लाने के बारे में चर्चा की। कांग्रेस मतिभ्रम में है कि वह सत्ता में आ जाएगी, उसके प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार महसूस करते हैं कि हाल की पदयात्रा के बाद वे सत्ता में आ गये हैं, हमने इस बात पर चर्चा की कि अपनी पार्टी के हित में कैसे उनकी (शिवकुमार की) रफ्तार पर ब्रेक लगायी जाए। ’’
यतनाल के साथ बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि स्थिति उत्पन्न हो गयी तो वे दोनों मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल पर पार्टी आलाकमान के साथ चर्चा करने के लिए दिल्ली जायेंगे। उन्होंने कहा कि यदि यह मार्च में किया जाता है तो मंत्रियों के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोई पहचान छोड़ पाने में बहुत देर हो जाएगी।
यह टिप्पणी इस मायने में अहम है कि पार्टी में ऐसी चर्चा है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित विस्तार या फेरबदल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव पूरा हो जाने के बाद होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव रेणुकाचार्य ने इच्छा प्रकट की कि वरिष्ठ नेता यतनाल को मंत्री बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी और सरकार का यश फैला रहे हैं, लोगों एवं विधायकों के लिए सुलभ है, उन्हें मंत्री रखा जाना चाहिए तथा जो बस सत्ता एवं स्वार्थ के लिए हैं, उन्हे मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना चाहिए।
दोनों ही नेता अभी हाल तक पार्टी के विरोधी खेमों से जाने जाते थे क्योंकि यतनाल भाजपा के कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा के कट्टर आलोचक थे जबकि रेणुकाचार्य उनके विश्वासपात्र थे। लेकिन दोनों हाल तक गुजरात पैटर्न पर कर्नाटक मंत्रिमंडल में पूर्ण बदलाव की तरफदारी कर रहे हैं। सितंबर में भाजपा ने गुजरात में पूरा मंत्रिमंडल बदल दिया था और विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया था।
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राजकुमार उमा
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