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Wednesday, 2 October, 2024
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द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति कायम रखने वाली सुरक्षा व्यवस्था अब नदारद: श्रृंगला

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नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जिस सुरक्षा व्यवस्था ने पिछले कई दशकों से यूरोप में शांति कायम रखी थी अब वह नदारद है। श्रृंगला ने परोक्ष रूप से यूक्रेन की स्थिति और उसके प्रभाव का हवाला देते हुए यह बयान दिया।

भारत-फ्रांस के बीच संवाद के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य जटिल प्रतीत होता है और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में साझेदारी में परिपक्वता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जिनका रूस और यूक्रेन के नेताओं के साथ नियमित संपर्क रहा है तथा उनके साथ संचार का एक खुला माध्यम जारी रखा गया है।

विदेश सचिव ने यह भी कहा कि भारत को उम्मीद है कि यूरोपीय परिषद में फ्रांस की अध्यक्षता के तहत भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता बहाल होगी। उन्होंने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जिस सुरक्षा व्यवस्था ने यूरोप में पिछले सात दशकों तक बड़े स्तर पर शांति बरकरार रखी थी वह अब नदारद है।”

श्रृंगला ने कहा, “इस परिप्रेक्ष्य में परिपक्व साझेदारी की जरूरत है। इसलिए यह उचित है कि भारत और फ्रांस, जिन्होंने रणनीतिक स्वायत्तता कायम रखने में सफलता पाई है, शांति, संवाद और कूटनीति के पक्षधर के तौर पर सबसे आगे हैं।” विदेश सचिव ने ‘नवाचार, सतत प्रयास और बहुपक्षीय सहयोग’ पर भारत-फ्रांस ट्रैक 1.5 संवाद में यह बयान दिया।

भाषा यश उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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