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रविवार, 18 मई, 2025
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सुरक्षा बलों की वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में कम से कम 2027 तक बनी रहेगी मजबूत उपस्थिति

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नीलाभ श्रीवास्तव

बीजापुर/जगदलपुर, 18 मई (भाषा) सुरक्षा बलों ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों पर कम से कम 2027 तक ‘कब्जा और प्रभुत्व’ बनाए रखने के लिए एक नई योजना तैयार की है।

यह योजना अगले साल मार्च तक इस समस्या को समाप्त करने की केंद्र की समय सीमा से एक साल बाद तक की है, जिसका उद्देश्य नक्सलियों या उनकी विचारधारा को दोबारा उभरने से रोकना एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों से जुड़ना है।

सुरक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हालांकि उन्हें मार्च 2026 की समय सीमा तक काम पूरा करने का ‘भरोसा’ है, लेकिन उन्हें ऐसे कदम उठाने के लिए कहा गया है ताकि ‘स्थायी शांति’ हासिल की जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य नक्सल विरोधी अभियानों का मुख्य केंद्र है।

एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों का काम मार्च 2026 की समय सीमा के साथ समाप्त नहीं होता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों पर प्रभुत्व बनाए रखा जाए ताकि नक्सली और उनकी विचारधारा वापस न आ सकें।’’

एक दूसरे वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभिन्न राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए तैनात लगभग 1.5 लाख केंद्रीय सुरक्षा बल माओवादियों को दोबारा संगठित होने से रोकने और छिपे हुए परिष्कृत विस्फोटक उपकरण का पता लगाने के लिए कम से कम 2027 तक निवारक गश्त जारी रखेंगे, ताकि कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाए।

उन्होंने कहा कि विद्रोह और चरमपंथी आंदोलनों का इतिहास दर्शाता है कि अगर हासिल की गई उपलब्धियों को समेकित नहीं किया गया तो वे वापसी कर सकते हैं। इसलिए, 2026 से आगे की योजना तैयार की गई है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से केंद्रीय सुरक्षा बलों को हटाना एक बहुत ही धीमी और क्रमिक प्रक्रिया होगी, जिसकी शुरुआत 2027 में तब की जा सकती है, जब राज्य पुलिस बल पूरी तरह से काम संभालने के लिए तैयार हो जाएंगे।’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस क्षेत्र में कार्यरत केंद्रीय बलों को निर्देश दिया है कि वे विभिन्न राज्यों में 400 से अधिक नव-निर्मित अग्रिम परिचालन ठिकानों (एफओबी) पर स्वास्थ्य एवं टीकाकरण, शिक्षा से संबंधित शिविर आयोजित करने तथा आधार एवं विभिन्न सरकारी दस्तावेज तैयार करने के लिए ‘स्थान बनायें।‘

भाषा

रंजन धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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