शहडोल, 18 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है जिसमें वह बंदूकधारी और लाठी लिए गार्डों के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिचारकों की तलाशी लेते दिखाई दे रहे हैं। इस कृत्य को कुछ लोग ‘‘ अमानवीय’’ बता रहे हैं तो सिविल सर्जन ने इसे अस्पताल परिसर में तंबाकू और बीड़ी के उपयोग को रोकने की कवायद बताया।
सोशल मीडिया पर रविवार को यह वीडियो सामने आया। सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार ने सोमवार को दावा किया कि रोगियों को तंबाकू खाने और अस्पताल में थूकने से रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा था।
वीडियो क्लिप में परिहार एक छड़ी लेकर बंदूकधारी और लाठी लिए हुए गार्डों के साथ अस्पताल के विभिन्न वार्डों में मरीजों और उनके परिचारकों से बीड़ी, तंबाकू एवं गुटखे के पाउच जमा करने के लिए कहते हुए दिखाई दे रहे हैं।
परिहार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में स्वीकार किया कि वीडियो में वही दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल गुटखा के पाउच आदि जब्त करने के लिए नियमित तौर पर अभियान चलाया जाता है ताकि लोगों को अस्पताल परिसर में थूकने और गंदगी फैलाने से रोका जा सके।
परिहार ने यह भी कहा कि वह सुरक्षा कारणों से शाम की सैर के दौरान अपने साथ एक छड़ी रखते हैं जो कि वीडियो में दिखाई दे रही है, जबकि वीडियो में दिखाई दे रहे गार्ड अस्पताल के सुरक्षाकर्मी हैं।
सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद लोगों ने अस्पताल के अंदर बंदूक और लाठी लेकर अस्पताल कर्मियों के घूमने की निंदा की है।
एक शख्स ने वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया और इसे गरीब और कमजोर महिलाओं, बच्चों तथा मरीजों के खिलाफ अमानवीय कृत्य बताया।
भाषा सं दिमो प्रशांत वैभव
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