बीजिंगः चीन ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को बृहस्पतिवार को अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना कर दिया, जहां वे तीन महीने तक उसके कोर मॉड्यूल ‘तियान्हे’ में रहेंगे. पांच साल में चीन का यह पहला मिशन है जिसमें उसने इंसान को अंतरिक्ष में भेजा है.
‘तियान्हे’ चीन द्वारा भेजा गया तीसरा और सबसे बड़ा अंतरिक्ष स्टेशन है. इसके कोर मॉड्यूल को 29 अप्रैल को कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था.
ये अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष यान ‘शेनझोउ-12’ में सवार हैं, जिसे उत्तरी-पश्चिम जियुक्वान प्रक्षेपण केन्द्र से लॉन्ग मार्च-2 एफ रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया. ये तीन यात्री निए हैशेंग, लियु बोमिंग और तांग होंग्बो हैं. प्रक्षेपण के कुछ मिनट बाद ही इसे सफल घोषित कर दिया गया.
‘चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी’ (सीएमएसए) के अनुसार, चीन ने सातवीं बार अंतरिक्ष में अपने यात्री भेजे हैं, लेकिन अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाला यह पहला चीनी मिशन है. चीन ने करीब पांच साल पहले 2016 में आखिरी बार किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजा था. 2016 में दो पुरुष अंतरिक्ष यात्री ‘शेनझोउ-11’ में अंतरिक्ष गए थे और 33 दिन वहां रहे थे. आज गए तीन सदस्यीय दल के उस रिकॉर्ड को तोड़ने की उम्मीद है.
ये अंतरिक्ष यात्री तीन महीने तक अंतरिक्ष में रहेंगे और इस दौरान वे मरम्मत एवं देखरेख जैसे काम करेंगे.
यह अंतरिक्ष स्टेशन आकाश से चीन के लिए दुनिया पर नजर रखेगा और पुराने होते अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से प्रतिद्वंद्विता करेगा. आईएसएस नासा (अमेरिका), रोस्कोमोस (रूस), जाक्सा (जापान), ईएसए (यूरोप) और सीएसए (कनाडा) की परियोजना है.
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