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शुक्रवार, 27 जून, 2025
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स्कूल भर्ती विवाद: नियुक्तियों को अमान्य करने वाले फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित

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नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल, 2024 के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा, ‘‘दलीलें सुनी गईं। फैसला सुरक्षित रखा जाता है।’’

पीठ ने फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर याचिका सहित 124 याचिकाओं पर सुनवाई की।

मुकुल रोहतगी, रंजीत कुमार, अभिषेक सिंघवी, दुष्यंत दवे, पी़ एस. पटवालिया, राकेश द्विवेदी, मनिंदर सिंह, श्याम दीवान, प्रशांत भूषण, मीनाक्षी अरोड़ा और करुणा नंदी सहित वरिष्ठ वकीलों ने मामले में दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करते हुए बहस की।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए द्विवेदी ने उच्च न्यायालय के फैसले का विरोध किया। शीर्ष अदालत ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले पर बहुप्रतीक्षित फैसला सुरक्षित रखने से पहले पिछले साल 19 दिसंबर को अंतिम सुनवाई शुरू की थी और 15, 27 जनवरी तथा 10 फरवरी को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं।

उच्च न्यायालय ने ‘ओएमआर शीट’ से छेड़छाड़ और भर्ती में अनियमितताओं का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था।

पिछले साल सात मई को उच्चतम न्यायालय ने राज्य के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई नियुक्तियों को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।

हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामले में अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी थी।

यह मामला पश्चिम बंगाल एसएससी द्वारा आयोजित 2016 की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से सामने आया है।

स्कूलों में 24,640 पदों पर भर्ती के लिए 23 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, जिसमें कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे।

उच्चतम न्यायालय ने पहले पश्चिम बंगाल में कथित भर्ती घोटाले को ‘‘व्यवस्थित धोखाधड़ी’’ करार दिया था और कहा था कि राज्य के अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे 25,753 शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखें।

भाषा सुरभि नेत्रपाल नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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