कोलकाता, 21 दिसंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीसीएसएससी या एसएससी) के पूर्व अध्यक्ष सुबीर भट्टाचार्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
भट्टाचार्य को शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित तौर पर लिप्त होने के कारण केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था।
अदालत ने पाया कि राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता-प्राप्त शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के पदों पर अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति छात्रों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार की जड़ पर प्रहार करती है।
न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति ए के गुप्ता की खंडपीठ ने भट्टाचार्य को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार के कृत्य न केवल तत्काल पीड़ितों को प्रभावित करते हैं, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष लोक प्रशासन में समाज के भरोसे और विश्वास पर गंभीर चोट पहुंचाते हैं।
भट्टाचार्य के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद हैं और उनके फरार होने या कानूनी प्रक्रिया से बचने की बहुत कम संभावना है।
सीबीआई के वकील अरुण कुमार मैती ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जांच से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की कक्षा नौवीं और दसवीं में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में गहरी साजिश का पर्दाफाश हुआ है।
यह देखते हुए कि भट्टाचार्य बमुश्किल तीन महीने से हिरासत में हैं, पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता के प्रबंधन में एसएससी के डेटाबेस में बनाए गए ओएमआर शीट के अंकों तथा उम्मीदवारों के ‘पर्सनैलिटी स्कोर’ में व्यापक हेरफेर में प्रथम दृष्टया उनके दोषी होने का अनुमान लगाया जा सकता है।’
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