चेन्नई: मॉनसून के दौरान चक्रवाती परिस्थितियों के कारण चेन्नई और आसपास के इलाकों में लगभग 24 घंटों में तेज बारिश हुई जिससे रविवार को यहां के अधिकतर क्षेत्रों में पानी भर गया. वहीं, अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने के लिए शहर के तीन जलाशयों के स्लुइस गेट खोल दिए गए हैं. बता दें कि स्लुइस गेट जल स्तर या प्रवाह दर को नियंत्रित करने वाले दरवाजें हैं.
अक्टूबर में उत्तर-पूर्व मॉनसून की शुरुआत के बाद से तमिलनाडु और पुडुचेरी क्षेत्र में करीब 43 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है.
पिछले 24 घंटे से भारी से अत्यधिक भारी बारिश शहर में करीब छह साल बाद हो रही है जबकि तमिलनाडु के अन्य क्षेत्रों में हल्की या मध्यम बारिश हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को केंद्र की सहायता का आश्वासन देते हुए ट्वीट किया, ‘तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में अत्यधिक वर्षा से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की. राहत और बचाव कार्य में केंद्र की तरफ से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. मैं हर किसी की कुशलता और सुरक्षा की कामना करता हूं.’
Spoke to Tamil Nadu CM, Thiru @mkstalin and discussed the situation in the wake of heavy rainfall in parts of the state. Assured all possible support from the Centre in rescue and relief work. I pray for everyone’s well-being and safety.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2021
मुख्यमंत्री स्टालिन ने मुख्य सचिव वी इरई अनबु सहित शीर्ष अधिकारियों के साथ कई जलमग्न इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को बाढ़ के पानी की निकासी के लिए जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए.
स्टालिन ने कैबिनेट सहयोगियों के साथ यहां अस्थाई शिविरों में प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को चावल, दूध और कंबल सहित बाढ़ सहायता सामग्री बांटी. उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव काम में तेजी लाने का निर्देश दिया.
सरकार ने 8 और 9 नवंबर को चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपेट जिलों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने की घोषणा की है.
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स्टालिन ने कहा कि कोयंबटूर, तिरुनेलवेली, तिरुवरूर, विल्लुपुरम, इरोड, करूर, कुड्डालोर, पुदुकोट्टई, पेरम्बलुर जैसे जिलों में सामान्य बारिश (मौसम के दौरान) 60 प्रतिशत से अधिक हुई.
मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर तटीय तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है और नौ नवंबर तक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
एजेंसी ने राज्य में कम से कम अगले तीन दिनों तक बड़े पैमाने पर बारिश होने का अनुमान जताया है.
शनिवार की सुबह से चेन्नई और कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों के कई उपनगरों में रुक-रुक कर बारिश हुई और कल रात से बारिश लगातार होने लगी. रविवार देर रात तक यहां और आसपास के जिलों में ज्यादातर इलाकों में बारिश थम गई.
भारी बारिश के मद्देनजर यहां यातायात, बस और ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं हैं.
मौसम विभाग के उपनिदेशक एस. बालाचन्द्रन ने कहा कि अभी तक सबसे ज्यादा 45 सेंटीमीटर बारिश 1976 में हुई थी. उसके बाद 1985 में चेन्नई में दो अलग-अलग दिनों में 23 और 33 सेंटीमीटर बारिश हुई. छह साल पहले 2015 में शहर में 25 सेंटीमीटर बारिश हुई थी और फिलहाल शहर में लगभग इतनी ही बारिश हो चुकी है.
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