नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत ने इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का फैसला किया जिसमें किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे.
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी.
लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद से उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है और विपक्षी दलों ने राज्य की भाजपा सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में आठ लोग मारे गए थे. आरोप है कि घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जो तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. बाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला जबकि हिंसा के दौरान एक स्थानीय पत्रकार की भी जान चली गई.
इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मंगलवार को दो वकीलों ने उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर शीर्ष अदालत की निगरानी में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया था. वकीलों ने पत्र को जनहित याचिका के तौर पर लेने का भी अनुरोध किया था.
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