नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता स्थित एसआरईआई समूह द्वारा कथित वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के अनुरोध वाली याचिका पर बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का जवाब मांगा है।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने लखनऊ के याचिकाकर्ता भूपेन्द्र नाथ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण की दलीलों पर गौर किया, जिसमें समूह द्वारा की गई कथित वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से व्यापक जांच का अनुरोध किया गया है।
याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 18 मार्च, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत उसने समूह के खिलाफ जांच बंद करने वाली आर्थिक अपराध शाखा, वाराणसी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था।
पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलील पर गौर किया कि वह सीबीआई का भी प्रतिनिधित्व करेंगे और मौजूदा मामले में जांच के संबंध में केंद्रीय जांच एजेंसी से निर्देश मांगेंगे।
आरोप लगाया गया है कि धोखाधड़ी में कई हजार करोड़ रुपये की राशि शामिल है। भूषण ने धोखाधड़ी पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुख्य निर्देशों का हवाला दिया और कहा कि 500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामलों को सीबीआई को भेजा जाना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश ने दूसरे पक्षों की ओर से पेश कुछ वकीलों की दलीलों पर विचार किया, जिन्होंने संदेह जताया कि याचिकाकर्ता मौजूद नहीं है और मामला काल्पनिक है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार के समक्ष पेश होना होगा।
पीठ ने याचिका पर सुनवाई मई में तय की है।
भाषा आशीष देवेंद्र
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