नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में मुहर्रम का जुलूस निकालने की बृहस्पतिवार को अनुमति देने से इंकार करते हुये लखनऊ स्थित याचिकाकर्ता से कहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाये.
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि वह पूरे देश के लिये इस बारे में आदेश कैसे दे सकता है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि इस तरह के आदेश से अव्यवस्था फैलेगी और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जायेगा.
पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से याचिका की सुनवाई करते हुये कहा, ‘आप एक सामान्य आदेश देने का अनुरोध कर रहे है और अगर हम इसकी अनुमति देंगे तो इससे अव्यवस्था फैलेगी. एक समुदाय विशेष को कोविड फैलाने के लिये निशाना बनाया जाने लगेगा. हम ऐसा नहीं चाहते. हम न्यायालय के रूप में सभी लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठा सकते.’
पीठ ने याचिकाकर्ता शिया नेता सैयद कल्बे जव्वाद को अपनी याचिका वापस लेने और लखनऊ में जुलूस निकालने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान कर दी.