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Sunday, 10 August, 2025
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न्यायालय ने स्पाइसजेट के खिलाफ केएएल एयरवेज, कलानिधि मारन की याचिका खारिज की

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नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने केएएल एयरवेज और मीडिया दिग्गज कलानिधि मारन की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें स्पाइसजेट के साथ लंबे समय से जारी शेयर हस्तांतरण विवाद में 1,300 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना मांगा गया था।

न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 23 मई के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें देरी के आधार पर उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की थी।

मारन और केएएल एयरवेज स्पाइसजेट के पूर्व प्रवर्तक हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि पूर्व प्रवर्तक ने अपनी अपीलें दायर करने और दोबारा दायर करने में देरी करके ‘‘सोचा-समझा जुआ’’ खेला।

उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पिछले साल 17 मई को एकल न्यायाधीश के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें कलानिधि मारन को 579 करोड़ रुपये ब्याज के साथ लौटाने का स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को निर्देश दिया गया था।

यह मामला जनवरी 2015 का है जब सिंह ने संसाधनों की कमी के कारण विमानन कंपनी के महीनों तक बंद रहने के बाद उसे मारन से वापस खरीद लिया था।

भाषा

सिम्मी नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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