नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सुझाव दिया कि सीबीएसई 12वीं कक्षा की पूरक परीक्षाओं (कंपार्टमेंट) के नतीजे जल्द से जल्द घोषित करे और साथ ही उसने यूजीसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि छात्रों को कालेजों में प्रवेश मिले क्योंकि यह असाधारण समय है.
शीर्ष अदालत ने सीबीएसई और यूजीसी से कहा कि वे परस्पर तालमेल करके यह सुनिश्चित करें कि 22 से 29 सितंबर तक होने वाली पूरक परीक्षा में शामिल होने वाले दो लाख छात्रों का भविष्य खराब नहीं हो.
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान यूजीसी से पहले कहा कि वह 24 सितंबर तक अपने अकादमी कलेंडर की घोषणा नहीं करे लेकिन बाद में उसे बताया गया कि इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है.
अकादमी कलेंडर पहले ही जारी कर देने पर गंभीर रूख अपनाते हुये पीठ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से इस बारे में बृहस्पतिवार तक स्पष्टीकरण मांगा और इसे रिकार्ड में लाने का निर्देश दिया.
पीठ ने जानना चाहा, ‘इसे कब और किस समय जारी किया गया, आपको यह हमे बताना होगा.’
पीठ ने तल्ख लहजे में कहा, ‘हमें अस्पष्ट तारीख न बतायें. हमें तारीख और समय बतायें जब इसे जारी किया गया. क्या यह आदेश के बाद हुआ या आदेश से पहले या फिर जब मामले की सुनवाई चल रही थी. हम इसकी जांच करेंगे.’
पीठ ने इसके साथ ही इस मामले को 24 सितंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया और सीबीएसई तथा यूजीसी को कहा कि पूरक परीक्षा में बैठने वाले करीब दो लाख छात्रों को जगह देने के लिये परस्पर तालमेल करें.
इससे पहले सुनवाई शुरू होते ही एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा कि सीबीएसई की पूरक परीक्षायें आज शुरू हो गयी हैं ओर ये 29 सितबर तक जारी रहेंगी. पूरक परीक्षाओं में करीब दो लाख छात्र शामिल हो रहे हैं.
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तन्खा ने कहा कि यूजीसी भी यहां है और सीबीएसई को जल्द से जल्द परीक्षा के नतीजे घोषित करने चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘यूजीसी को हमें विश्वविद्यालयों में प्रवेश हासिल करने के लिये एक मौका देना होगा.’
इस पर पीठ ने तन्खा से कहा कि सीबीएसई के नतीजों की घोषणा के बगैर यूजीसी इन छात्रों को कैसे जगह दे सकती है.
पीठ ने यूजीसी से कहा कि विषम परिस्थितियां को देखते हुये क्या आयोग के लिये यह संभव है कि पूरक परीक्षा देने वाले इन छात्रों को प्रवेश देने का कोई रास्ता निकल सके.
इस पर यूजीसी के अधिवक्ता ने कहा कि अगर सीटें उपलब्ध होंगी तो ऐसा किया जा सकता है, लेकिन वह इस बारे में आवश्यक निर्देश प्राप्त करेंगे.
पीठ ने तब यूजीसी के वकील से कहा कि वह आवश्यक निर्देश प्राप्त करें और पता करें कि क्या आयोग इस मामले में ऐसा कुछ कर सकता है. साथ ही पीठ ने यूजीसी से जानना चााहा कि कटआफ तारीख के बारे में उसकी योजना क्या है.
यूजीसी के वकील ने कहा कि उसे निर्देश प्राप्त करने होंगे लेकिन अक्टूबर के अंत में ऐसा हो सकता है.
सीबीाएसई के वकील ने दलील दी कि पूरक परीक्षा के लिये 1,248 केन्द्र हैं और उत्तर पुस्तिकाओं को क्षेत्रीय केन्द्रों पर लाना होगा.
न्यायालय ने कहा कि ये सामान्य नहीं बल्कि असाधारण समय है और सीबीएसई को दो लाख छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये कदम उठाने होंगे.
सीबीएसई के वकील ने कहा कि 3-4 सप्ताह (नतीजे घोषित करने में) लग जायेंगे.
पीठ ने कहा कि उसे एक तारीख बतानी होगी ताकि यूजीसी आगे कदम उठा सके. पीठ ने कहा कि अगर आपके पास तारीख नहीं होगी तो यूजीसी को दिक्कत होगी.
यूजीसी के वकील ने जब कट आफ की तारीख अक्टूबर के अंत में बतायी तो पीठ ने कहा कि यह नवंबर का प्रथम सप्ताह भी हो सकता है.
यूजीसी के वकील ने कहा कि आयोग पहले ही अपने अकादमिक कलेंडर को अंतिम रूप दे चुका है और यह अब जारी होने वाला है.
पीठ ने यूजीसी से कहा कि वह बृहस्पतिवार तक ऐसा नहीं करे और इस मामलें में उस दिन आगे विचार किया जायेगा.
इस मामले की सुनवाई जब खत्म हो गयी तो यूजीसी के वकील ने पीठ के समक्ष उल्लेख किया कि अकादमिक कलेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है और प्रवेश प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी करनी होगी.
इस पर पीठ ने सख्त रूख अपनाते हुये कहा कि हम इसे बृहस्पतिवार को देखेंगे और आप उस दिन इस बारे में स्पष्टीकरण दे सकते हैं.
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