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Tuesday, 30 April, 2024
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संदेशखालि मामला: टीएमसी नेता शाहजहां गिरफ्तार, अदालत ने 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

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(तस्वीर सहित)

बशीरहाट (पश्चिम बंगाल), 29 फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के नेतृत्व में हुये हिंसक विरोध प्रदर्शन और कई दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद बृहस्पतिवार तड़के 55 दिनों से फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया। शेख पर यौन उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने का आरोप है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा कि शेख को उत्तर 24 परगना जिले के सुंदरवन के बाहरी इलाके में संदेशखालि से लगभग 30 किमी दूर मिनाखान थाना क्षेत्र में एक घर से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने बताया कि शेख कुछ साथियों के साथ उस घर में छिपा था। उसके अनुसार गिरफ्तार करने के बाद उसे बशीरहाट अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

सफेद कुर्ता-पायजामा पहने शेख सुबह करीब 10 बजकर 40 बजे हवालात से बाहर आया और अदालत कक्ष की ओर चल दिया। उसने वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ हिलाया।

मुश्किल से दो मिनट तक चली अदालती सुनवाई के बाद पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले गई।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को हिरासत में ले लिया गया।

राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कहा, ‘‘ अंधकार के बाद उजाला जरूर होता है। मैं इसका स्वागत करता हूं।’’ उन्होंने शेख की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात राज्य सरकार को 72 घंटे की ‘‘समयसीमा’’ दी थी।

राज्यपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह एक अंत की शुरुआत है। हमें बंगाल में हिंसा के चक्र को समाप्त करना होगा। बंगाल के कुछ हिस्सों में गुंडे राज कर रहे हैं। यह खत्म होना चाहिए और गैंगस्टर को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए। ’’

तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद ही गिरफ्तारी संभव हुई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘‘ पूर्व नियोजित’’ करार दिया है।

तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कानूनी उलझन के कारण शुरुआत में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। हालांकि, अदालत द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद कि उसकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपना काम किया। विपक्ष ने उसकी गिरफ्तारी पर लगी ‘रोक’ का फायदा उठाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा था कि शेख को सात दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा, क्योंकि हमें राज्य पुलिस की क्षमता पर भरोसा था।’’

भाजपा ने दावा किया कि पुलिस को उनके आंदोलन के कारण शेख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘यह तृणमूल और राज्य पुलिस ही थी जो दोषियों को बचा रही थीं। अब उसे एक अच्छी तरह से गढ़ी गई कहानी के हिस्से के रूप में गिरफ्तार किया गया है। भाजपा की प्रदेश इकाई के लगातार आंदोलन के कारण राज्य प्रशासन को उसे गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।’’

पुलिस ने बताया कि शेख को कथित राशन घोटाला मामले में पांच जनवरी को उसके घर पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के संबंध में नजात थाने में दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है।

उसने बताया कि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी सभा), 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 392 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि शेख का पता उसके मोबाइल फोन की ‘‘अवस्थिति’’ से चला।

उन्होंने कहा, ‘‘ शेख समय-समय पर अपना स्थान बदल रहा था। उसके मोबाइल फोन के टावर की ‘अवस्थिति’ से उसका पता लगाया गया।’’

हालात को नियंत्रित करने के लिए संदेशखालि के कुछ हिस्सों में अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है और यहां के 49 क्षेत्रों में दंड प्रकिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगायी गई है।

मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को कहा था कि यह देखते हुए कि शेख काफी समय से फरार है ऐसे में पश्चिम बंगाल पुलिस के अलावा ‘‘केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी गिरफ्तार कर सकती है’’।

उच्च न्यायालय ने सोमवार को पुलिस को उसे गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था।

भाजपा के पश्चिम बंगाल मामलों के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि शेख को राज्य पुलिस ने इसीलिए गिरफ्तार किया है ताकि उसे ईडी और सीबीआई से बचाया जा सके।

भाजपा आईटी सेल के प्रभारी मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ क्या यह गिरफ्तारी है? पश्चिम बंगाल पुलिस शेख के साथ-साथ ऐसे चल रही थी जैसे वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा में रहते हैं। इन दिनों में शाहजहां शेख पश्चिम बंगाल पुलिस की संरक्षण में था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जैसे ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईडी और सीबीआई को शेख को गिरफ्तार करने की अनुमति दी ममता बनर्जी की पुलिस ने उसे अपने नियंत्रण में ले लिया। ईडी और सीबीआई के अधिवक्ताओं के इस संबंध में कदम उठाने से रोकने के लिए वे उसे जल्दी से एक स्थानीय अदालत में ले गए। संदेशखालि की महिलाओं को ममता बनर्जी पर रत्तीभर भी भरोसा नहीं है।’’

पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में शेख के खिलाफ 100 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इस दौरान उसकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ।

उन्होंने बताया कि शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक दुष्कर्म) समेत कई मामला दर्ज किये गये है।

इससे पहले शेख के करीबी सहयोगी शिवप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा, उसके एक अन्य सहयोगी अजीत मैती को भी जमीन हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने बताया कि ज्यादातर शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि शाहजहां ने लोगों की जमीन पर कब्जा कर लिया और इलाके की महिलाओं पर अत्याचार किया।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में पांच जनवरी को लगभग एक हजार लोगों की भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर उस वक्त हमला कर दिया था जब वे राज्य में कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापेमारी के लिए गये थे।

भाषा खारी राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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