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Sunday, 22 December, 2024
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दिल्ली में 10 को संतों का समागम, तय होगी राम मंदिर पर रूपरेखा

इस बैठक में सभी शीर्ष संत श्रीराम जन्मभूमि समेत 9 विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

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नई दिल्ली : श्रीराम जन्मभूमि समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने के लिए देशभर के शीर्ष संत दिल्ली में जुटेंगे. 10 अगस्त को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में सभी संतों की बैठक होगी. इस बैठक में संत समाज धारा 370 खत्म करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी देगा.

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानन्द सरस्वती, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर आचार्य अनुभूतानंद गिरी और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने गुरुवार को प्रेस से चर्चा में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिदिन श्रीराम जन्म भूमि पर सुनवाई का निर्णय लिया है, यह स्वागत योग्य है.

इसी को देखते हुए 10 अगस्त को सभी संत जुट रहे हैं. इसमें सभी वरिष्ठ संत शामिल होंगे. इसमें भविष्य में श्रीराम मंदिर का काम कैसे जल्दी पूरा होगा इस पर विचार विचार-​विमर्श किया जाएगा. वहीं, सभी संतों की तरफ से जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी दिया जाएगा.


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इसके अलावा रामसेतु रक्षा हेतु सरकार द्वारा किए गए प्रयास, धर्मान्तरण रोकने हेतु कानून पर चर्चा, जम्मू कश्मीर में 90 के दशक में तोड़े गए 435 मंदिर के पुनर्निर्माण के संबंध में भी चर्चा की जाएगी. इन सभी के अलावा सबरीमाला विषय, मठ मंदिरों की व्यवस्था में सरकारों द्वारा अनावश्यक हस्तक्षेप करना, विवादित ढांचा विध्वंस केस बनाम जम्मू कश्मीर के टूटे हुए मंदिरों पर अपराधियों पर मुकदमा कायम न किया जाने पर भी विस्तार से चर्चा होगी. इस बैठक में राष्ट्रीय नदी गंगा संरक्षण कानून पर भी चर्चा की जाएगी.

मठ मंदिरों में सरकार का हस्तक्षेप नहीं स्वीकार

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि मठ मंदिर की व्यवस्था में हमें सरकारों के हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है. इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिख चुका हूं. हमारी मांग है कि इसका प्रबंधन संतों को दिया जाए. उन्होंने आरोप भी लगाया कि आंध्र के तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रशासक राज्य के मुख्यमंत्री के रिश्तेदार को बना रखा है. यह हमें स्वीकार नहीं है. केंद्र सकरार को इसमें दखल देनी चाहिए.

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