नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बुधवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) प्रमुख हरमीत सिंह कालका को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया, जबकि पार्टी से नवनिर्वाचित गुरुद्वारा प्रबंधन समिति को अलग करने के उनके फैसले को ‘पंथ’ को कमजोर करने की गहरी साजिश करार दिया।
पार्टी ने दिल्ली इकाई को भंग करने की भी घोषणा की।
पार्टी ने अनुभवी नेता अवतार सिंह हित की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय तदर्थ समिति के गठन की घोषणा की। समिति के अन्य सदस्य हरिंदर सिंह केपी, भूपिंदर सिंह आनंद, गुरदेव सिंह भोला और रविंदर सिंह खुराना हैं।
शिअद के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा और दलजीत सिंह चीमा ने कहा, “हरमीत सिंह कालका और उनके साथियों ने मिरी-पीरी के सिद्धांत का उल्लंघन कर श्री हरमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब के बीच दीवार खड़ी कर दी थी। सिख धर्म इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।”
चंदूमाजरा ने आरोप लगाया कि कालका और उनके समूह ने अपने कृत्य से दिल्ली के सिख भक्तों को भी धोखा दिया है।
शिअद द्वारा जारी एक बयान में चंदूमाजरा को उद्धृत किया गया, “वे शिअद के प्रतीक पर डीएसजीएमसी के लिए चुने गए थे। उनका जनादेश डीएसजीएमसी अधिनियम 1971 के अनुसार समुदाय की सेवा करना है। यदि वे स्वतंत्र सदस्यों के रूप में सेवा करना चाहते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और फिर से चुनाव लड़ना चाहिए।”
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प्रशांत पवनेश
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