पथनमथिट्टा, 21 सितंबर (भाषा) सबरीमला मंदिर के गर्भगृह के सामने द्वारपालकों (संरक्षक देवता) की मूर्तियों के ऊपर चढ़ी सोने की परत वाली तांबे की चादरें, जिन्हें मरम्मत के लिए चेन्नई भेजा गया था, रविवार को मंदिर में वापस लाई गईं। त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब केरल उच्च न्यायालय ने टीडीबी की आलोचना करते हुए कहा कि द्वारपालकों की मूर्तियों के ऊपर चढ़ी सोने की परत वाली तांबे की चादरें उसकी अनुमति के बिना हटाई गईं और मरम्मत के लिए चेन्नई भेजी गईं।
उच्च न्यायालय ने सोने की परत वाली तांबे की चादरों के वजन में कमी को भी चिह्नित किया है और मामले की सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं।
टीडीबी अधिकारियों के मुताबिक, रविवार को काम पूरा होने के बाद सोने की परत वाली तांबे की चादरों को चेन्नई से वापस लाया गया और अनुष्ठान के बाद तंत्री की सहमति से उन्हें पुनः स्थापित किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, वे उच्च न्यायालय को जल्द ही चादरों को सबरीमला मंदिर में वापस लाए जाने के बारे में सूचित करेंगे।
उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा था कि रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि जब मूर्तियों के ऊपर चढ़ी सोने की परत वाली तांबे की चादरों को 2019 में और सोना चढ़ाने के लिए हटाया गया था, तब उनका वजन 42.8 किलोग्राम था।
अदालत ने कहा था कि हालांकि, जब इन चादरों को सोने की परत चढ़ाने का काम करने वाली कंपनी के पास भेजा गया, तो इनका वजन 38.258 किलोग्राम दर्ज किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
भाषा पारुल प्रशांत
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