रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कानून-व्यवस्था की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रही अफवाह और दुष्प्रचार का कठोरता से खंडन जरूरी है.
राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को यहां न्यू सर्किट हाउस के ऑडिटोरियम में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हुई.
इस दौरान बघेल ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रशासन की सजगता से ही कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सकती है. संचार क्रांति के दौर में एक स्थान की घटना का असर पूरे प्रदेश और देश में होता है, इसलिए ज़िम्मेदारी बहुत अधिक है.
कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ शांति का टापू है और कानून व्यवस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है. सोशल मीडिया पर उचित पर्यवेक्षण जरूरी है. सूचना ही शक्ति है, जिला प्रशासन का सूचना तंत्र सुदृढ़ किया जाना जरूरी है. गलत तथ्यों का खंडन करें, अफवाह न फैलने दें.’
उन्होंने कहा कि हर हाल में सौहार्द्र का वातावरण बना रहना चाहिए. सांप्रदायिक सद्भाव छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पहचान है और किसी भी व्यक्ति या संस्था को इसे बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के कवर्धा शहर में इस महीने के पहले सप्ताह में दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए थे. बाद में शहर में कर्फ्यू लगाया गया था.
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में बघेल ने कहा कि कानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी जिला दंडाधिकारी की है. जिला दंडाधिकारी को टीम लीडर के रूप में कार्य करना है. उन्होंने कहा कि जिला दंडाधिकारी साप्ताहिक समीक्षा बैठक के पूर्व पुलिस अधीक्षक, कार्यपालिक दंडाधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में पिछले सप्ताह की स्थिति की समीक्षा की जाए और आने वाले सप्ताह में कानून-व्यवस्था की स्थितियों का पूर्वानुमान लगाएं तथा रणनीतिक योजनाएं बनाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रशासन के कार्य सीधे तौर पर किसानों, आम नागरिकों से जुड़े हुए हैं इसलिए जिला प्रशासन इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें.
उन्होंने कॉन्फ्रेंस में मौजूद कलेक्टरों से कहा कि शासन और प्रशासन के मध्य परस्पर संवाद आवश्यक है, इसीलिए आज सभी यहां एक परिवार की तरह उपस्थित हैं.
अधिकारियों ने बताया कि बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक डी एम अवस्थी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
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