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Sunday, 6 October, 2024
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फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र जारी करने को लेकर सत्र में हंगामा, भाजपा का बहिर्गमन

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जयपुर, सात मार्च (भाषा) राजस्थान के कुछ हिस्सों में कुछ जाति विशेष के फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र बनाए जाने का मुद्दा विधानसभा में उठाया गया। राज्य सरकार ने कहा कि अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र के संबंध में जारी किए गए नवीन दिशा-निर्देशों व परिपत्र का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है। हालांकि, राज्य सरकार के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया व विधायक शंकर सिंह रावत ने अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी किए जाने संबंधी नवीन दिशानिर्देशों में अस्पष्टता व विसंगति होने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये शून्यकाल में यह मामला उठाया।

इस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि विभाग द्वारा अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र के संबंध में जारी किए गए नवीन दिशा-निर्देशों व परिपत्र का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनाया गया है तो इसके संबंध में शिकायत जिला कलेक्टर व प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में गठित समितियों के समक्ष की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों के अंतर्गत मुस्लिम, ईसाई, जैन, सिख, पारसी एवं बौद्ध अल्पसंख्यक समुदाय में आते हैं और ये समुदाय विभिन्न जातियों में विभक्त हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र बनाने हेतु आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज, शपथ पत्र व हल्का पटवारी की रिपोर्ट देनी होती है। इतना ही नहीं, इसके लिए विभाग द्वारा नवीन दिशा-निर्देश भी जारी किए गए है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र संबंधी दिशा-निर्देशों का सरलीकरण विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रेषित प्रतिवेदनों व मांग के आधार पर किया गया है।

वहीं कटारिया ने विभाग की ओर से अजमेर के जिला कलेक्टर को जारी एक पत्र में संगठन विशेष व उसके पदाधिकारी के नाम का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सावधान करना चाहता हूं कि अगर इस प्रकार की मनोवृत्ति के आधार पर काम करने का प्रयत्न किया गया तो क्षेत्र में अशांति तो होगी ही, पूरे राजस्थान में आपकी नीयत पर संदेह खड़ा हो जाएगा कि आप जानबूझकर अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र का लालच देकर लोगों को अल्पसंख्यक बनाने के लिए धर्म परिवर्तन का रास्ता खोज रहे हैं।’

इस दौरान भाजपा के कई विधायक कुछ बोलने लगे तो अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने चर्चा समाप्त करते हुए कहा कि मंत्री की मंशा जिला कलेक्टर, राज्य सरकार व भारत सरकार की शक्तियों का ‘उल्लंघन’ करने की कतई नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में कार्रवाई करने के लिए जिला कलेक्टर पूरी तरह अधिकृत हैं।

लेकिन इस जवाब से अंसतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया। भाषा पृथ्वी सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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