अहमदाबाद, 11 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार को गुजरात में अहमदाबाद के निकट शुरू हो गई जिसमें संगठन के विस्तार की रूखरेखा पर विचार किया जायेगा।
पिराना गांव में शुरू हुई बैठक में देशभर से संघ के करीब 1200 पदाधिकारी एवं प्रचारक शामिल हो रहे हैं जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले शामिल हैं।
ऐसा समझा जाता है कि आरएसएस के वर्ष 2025 में शताब्दी वर्ष पूरा होने से पहले संगठन के विचार का खाका इस बैठक में तैयार किया जायेगा।
बैठक के पहले दिन सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने संवाददाताओं से कहा कि इस बैठक के मुख्य विषयों में से एक विषय संगठन विस्तार है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष से कोविड संकट के बावजूद संघ कार्य 2020 की तुलना में 98.6 प्रतिशत पुनः प्रारम्भ हो चुके हैं, साप्ताहिक मिलन कार्यक्रमों की संख्या भी बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि दैनिक शाखाओं में 61 प्रतिशत शाखाएं छात्रों और 39 प्रतिशत व्यवसायी शाखाएं हैं।
वैद्य ने कहा कि संघ की दृष्टि से देशभर में 6506 खंड हैं जिनमें से 84 प्रतिशत में शाखाएं हैं। इसके अलावा 59,000 मंडलों में से करीब 41 प्रतिशत मंडलों में संघ के प्रत्यक्ष शाखा के कार्य चल रहे है।
उन्होंने कहा, ‘‘2303 नगरीय क्षेत्रों में से 94 प्रतिशत में शाखा के कार्य चल रहे है और आने वाले दो वर्षों में सभी मंडलों में संघ की शाखा हो, ऐसा प्रयास किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि 2017 से 2021 तक संघ की वेबसाइट में ‘ज्वाइन आरएसएस’ के माध्यम से प्रतिवर्ष 20 से 35 आयु वर्ग के लगभग एक लाख से 1.25 लाख युवाओं ने संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की।
वैद्य ने कहा कि पांच अप्रैल से जुलाई के मध्य तक 104 स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग संचालित होंगे, जिनमें प्रति वर्ग औसतन संख्या 300 की रहेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना-काल में संघ के स्वयंसेवकों ने समाज के साथ मिलकर सक्रियता के साथ सेवा कार्य किये।
उन्होंने कहा कि इसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों सहित मठ, मंदिर, गुरुद्वारों से बहुत बड़ा वर्ग सेवा कार्य में शामिल हुआ जो एक जागरूक राष्ट्र के लक्षण हैं।
वैद्य ने कहा कि तीन दिनों की इस बैठक के दौरान आरएसएस के विस्तार को लेकर एक विस्तृत योजना का खाका तैयार किया जायेगा।
भाषा दीपक दीपक
देवेंद्र
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