नयी दिल्ली, फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को पेश वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट को ‘काफी संतुलित’ बताया जो कोविड बाद सुधार के लिये काफी जरूरी था । संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने मांग की कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ।
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी राम माधव ने कहा कि बजट में 5जी लागू किये जाने और डिजिटल परिसम्पत्ति पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उस घोषणा की सराहना की जिसमें कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने एवं बेहतर मुद्रा प्रबंधन के लिये डिजिटल रूपये पेश करेगा ।
माधव ने कहा कि बजट में राज्यों के लिये एक लाख करोड़ रूपये तक की अग्रिम उपलब्धता का प्रस्ताव किया गया है जिससे राज्यों एवं केंद्र को कदम से कदम मिलाकर चलने में मदद मिलेगी ।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में चुनाव होने के बाद भी लोकलुभावन बजट की बजाए वित्त मंत्री ने ‘काफी संतुलित’ बजट पेश किया है जो कोविड बाद सुधार की दृष्टि से काफी जरूरी था ।
आरएसएस से जुड़े सहयोगी संगठन स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि सरकार केवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्राथमिकता देने की बजाए घरेलू निवेश पर ध्यान केंद्रीत कर रही है।
क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर कराधान स्वागत योग्य कदम है और अब सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ।
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