नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने रविवार को केंद्रीय बजट को ‘‘चुनौतियों के बीच दूरदर्शी बजट’ करार देते हुए कहा कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और इसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी प्रमुख चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कई घोषणाएं कीं और कर स्लैब में फेरबदल करते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को आयकर से छूट भी दी।
एसजेएम के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा कि यह देश के समक्ष मौजूद विभिन्न चुनौतियों के बीच एक दूरदर्शी बजट है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछली दो तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि में कमी, रुपये में गिरावट, महंगाई, उपभोग में गिरावट, व्यापार घाटा बढ़ने और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं।’’
महाजन ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि को समर्थन देना, कृषि में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, किसानों को समर्थन देना और कृषि उत्पादन में असंतुलन को दूर करना, दालों और खाद्य तेलों के संबंध में विदेश पर निर्भरता कम करना, मध्यम आय वाले करदाताओं को कर में राहत देना और साथ ही मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं का समाधान करना सरकार के लिए एक ‘‘वास्तविक चुनौती’’ था।
उन्होंने कहा, ‘‘बजट 2025-26 में इन सभी चिंताओं का समाधान करने और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है।’’
महाजन ने कहा कि बजट ने देश में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विनिर्माण मिशन, एमएसएमई के लिए बढ़ी हुई ऋण गारंटी, सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड, पीएलआई का विस्तार और विनिर्माण में सुधार के लिए बजट में प्रस्तावित कई अन्य उपाय ‘‘चीनी प्रभुत्व’’ कम करने में देश की मदद करेंगे।
भाषा धीरज पारुल
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