नई दिल्लीः बिहार में छात्र सड़कों पर हैं. विरोध प्रदर्शन जारी है. कई जगहों पर रोड को ब्लॉक किए जाने और टायर वगैरह जलाए जाने की खबरें भी आ रही हैं. न सिर्फ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन व अन्य कई छात्र संगठनों बल्कि राजनीतिक पार्टियों का भी बिहार बंद को समर्थन मिल रहा है.
छात्रों का कहना है कि ग्रुप-डी, नॉन-टेक्निकल रेलवे भर्ती में रिजल्ट को लेकर कुछ अनियमितताएं हुई हैं जिसके कारण वे विरोध करने को मजबूर हुए हैं.
Bihar: Protesters block roads in Patna in support of bandh called by various political parties over alleged discrepancies in RRB NTPC results pic.twitter.com/BKXMH3Kaxl
— ANI (@ANI) January 28, 2022
लेकिन इन सबके बीच एक नाम है जो बार-बार सुनने में आ रहा है. वह नाम है- खान सर. खबरों के मुताबिक गुरुवार को उन पर एफआईआर भी दर्ज की गई. दिप्रिंट ने इस बात की पड़ताल करनी शुरू की कि आखिर कौन हैं खान सर और आखिर उनकी ऐसी क्या खासियत है जिसकी वजह से वह चर्चा में हैं. आखिर क्यों जिन खान सर की बात स्टूडेट्स मंत्र की तरह आत्मसात करते हैं उनकी बात आज नहीं मानी.
दिप्रिंट ने इस बात की पुष्टि के लिए खान सर तक पहुंचने की कोशिश की. हमने अपने पटना के एक सूत्र से संपर्क किया तो हमें कुछ नंबर मिले. उन नंबरों पर हमने एक के बाद एक बात करनी शुरू की. एक खान सर से संपर्क किया तो पता लगा कि वह दानिश खान थे, जिन्होंने अपने आपको खान सर कह के बात करना शुरू किया.
लेकिन जब हमने उनसे कहा कि आपका लहज़ा खान सर का तो नहीं लगता तो उन्होंने बोला कि आपको कैसे पता कि हमारा लहजा कैसा है आपकी मेरी बात को पहली बार हो रही है. हमने कहा कि हम पहले भी आपको सुन चुके हैं, आपको यूट्यूब पर सुना और देखा है, इसलिए पता है कि आपका बोलने का तरीका कैसा है, लहज़ा कैसा है. हमने पूछा कि आपका नाम क्या है तो उन्होंने अपना नाम दानिश खान बताया. फिर हमने पूछा कि ये जो सारा आंदोलन हो रहा है उसको लेकर आप पर एफआईआर हुई है. तो उन्होंने कहा कि न ही मेरा कोई यूट्यूब चैनल है और न ही मेरे ऊपर कोई एफआईआर हुई है. जाहिर सी बात है ये वो खान सर नहीं थे जिनकी हमें तलाश थी.
इसके बाद पटना के एक अन्य विश्वस्त सूत्र से एक नंबर मिला जिस पर अजीत नाम के व्यक्ति से बात हुई जिन्होंने बताया कि वो उन्हीं चर्चित खान सर के मित्र और उन्हीं की टीम से हैं. बातचीत के दौरान ऐसा महसूस हुआ की इर्द-गिर्द खान सर मौजूद हैं. हांलाकि, उनसे बात नहीं हुई क्योंकि उन्होंने कहा कि खान सर बिजी हैं. पहले तो अजीत ने भी हमसे बात करने से मना कर दिया लेकिन हमारी विश्वसनीयता से संतुष्ट होने के बाद उन्होंने हमसे बात की. इसके अलावा दिप्रिंट ने काफी अन्य जगहों से कई सूचनाएं निकालने की कोशिश की, उसके आधार पर जो जानकारी हमें मिली वह हम आपके सामने रख रहे हैं-
विकलांग बच्चों से फीस नहीं लेते खान सर
अजीत ने बातचीत के दौरान बताया कि खान सर दिव्यांग बच्चों से फीस नहीं लेते हैं. उन्होंने कहा कि खान सर का उद्देश्य गरीब और अक्षम बच्चों को शिक्षित करना है न कि पैसे कमाना. इसलिए जिन बच्चों की शारीरिक दिव्यांगता है उन्हें कोचिंग में बिना पैसे के पढ़ाया जाता है.
200 रुपये प्रतिमाह है फीस
इसके अलावा जिन बच्चों से फीस भी ली जाती है उनसे नाम मात्र के ही पैसे लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि खान सर 200 रुपये प्रतिमाह की फीस में पढ़ाते हैं. उनका विज़न गरीब बच्चों को शिक्षित करना है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खान सर के यहां एक बैच में 4 से 5 हजार बच्चे पढ़ते हैं और ऐसे सात से आठ बैच चलते हैं. यानी कि देखा जाए तो एक तीन महीने को जो कोर्स होता है उस दौरान खान सर के यहां से करीब 30 से 35 हजार बच्चे निकलते हैं. सालाना स्तर पर देखा जाए तो यह संख्या एक से डेढ़ लाख हो जाएगी.
रेलवे भर्ती मामले में क्या थी खान सर की भूमिका
अजीत का कहना है कि खान सर ने किसी भी छात्र को उकसाने का काम नहीं किया बल्कि उन्होंने सिर्फ ये कहा था कि जो रिजल्ट 20 हजार दिख रहा है उसमें एक ही छात्र के नाम कई जगह पर हैं इसलिए कुल रिजल्ट देखा जाए तो जो 20 गुना होना चाहिए था वह वास्तव में 8 से 10 गुना ही है. इसी बात को लेकर छात्रों में असंतोष पैदा हो गया था. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों ने पहले सोशल मीडिया के जरिए विरोध करने की कोशिश की थी लेकिन जब सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो वे सड़कों पर उतरे.
खान सर ने हिंसक विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की
इसके अलावा खान सर ने वीडियो जारी करके भी छात्रों से विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की थी. उन्होंने कहा, ‘आप लोग हमारे साथ खड़े हैं हम लोग भी आपके साथ खड़े हैं लेकिन 28 जनवरी को कोई भी प्रोटेस्ट कोई भी हिंसा बर्दाश्त नहीं होगा. इस प्रोटेस्ट में हम या कोई भी टीचर आपके साथ नहीं है. आगे उन्होंने कहा कि आप लोग पढ़ाई कीजिए इस मामले में रेलवे बोर्ड फैसला लेगा क्योंकि इसमें पीएमओ, रेलमंत्री और प्रधानमंत्री शामिल हैं. जो गलतियां हुई थीं वह आरआरबी से हुई थीं लेकिन इसमें आरआरबी को शामिल नहीं किया गया है. 28 जनवरी को शांति बनाए रखिए. प्रशासन आगे जो भी कार्रवाई हम लोगों पर करेगा उसकी भी सूचना हम आप लोगों को देंगे.’
मैम अभी खान सर ने RRB अभ्यर्थियों से 28 जनवरी को बिहार बंद न करने और प्रदर्शन में शामिल न होने की अपील की हैं #rrbntpc #rrbgroupd pic.twitter.com/gi2d8SoArr
— Rahul Kumar Gaurav (@RahulKrGaurav2) January 27, 2022
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क्या लिखा है FIR की कॉपी में
रेलवे भर्ती में कथित रूप से कुछ विसंगतियों को लेकर खान सर के छात्रों को उकसाने के आरोप में गुरुवार को एफआईआर दर्ज की गई थी. दिप्रिंट के पास एफआईआर की कॉपी है जिसमें लिखा है कि कुछ लोग जो पकड़े गए हैं उनके साथ साथ विभिन्न कोचिंग संचालकों और अन्य तीन-चार सौ लोगों के खिलाफ पडयंत्र के तहत नाजायज मजमा बनाकर सडक मार्ग को बाधित करने और यातायात और लोकमार्ग को बाधित करने आदि के आरोप में आईपीसी की धारा 147/148/149/151/152/186/187/188/323/332/353//504/506/120(B) के अंतर्गत आरोपित किया गया है.
FIR में है खान सर का नाम
साथ ही एफआईआर में यह भी लिखा गया है कि, ‘खान सर का एक वीडियो जो सोशल मीडिया में भी है, उसमें खान सर बोले थे कि अगर एनटीपीसी एग्जाम कैंसिल कर दोबारा एग्जाम नहीं होगा तो स्टूडेंट्स को हम लोग हर जगह उतारेंगे. आगे इसमें कहा गया है कि पकड़े गए छात्रों के बयान और सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो से ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त व्यक्तियों और अन्य कोचिंग संचालकों द्वारा उनके मनमाफिक रिजल्ट नहीं आने पर षडयंत्र के तहत योजनाबद्ध तरीके से छात्रों को उकसा कर और भड़का कर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने के लिए राजेंद्र नगर टर्मिनल और उसके बाहर भेजा गया था.’
खान सर की तरफ से नहीं मिला कोई जवाब
हालांकि, जब अजीत से पूछा गया कि क्या खान सर को प्रशासन ने नजरबंद कर रखा है या कि वह छिपे हुए हैं अथवा प्रशासन की पहुंच में हैं तो अजीत ने इस पर कोई भी जवाब देने से मना कर दिया. इस मामले में दिप्रिंट ने पटना के एसएसपी को भी फोन, मैसेज और ईमेल के जरिए संपर्क किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहींं मिला. अगर उनकी तरफ से कोई जवाब आता है तो स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
पहले भी रह चुके हैं विवाद में
बता दें कि यह पहली बार नहींं है जब वह विवादों में आए हैं. पिछले दिनों भी खान सर एक वीडियो को लेकर विवाद में आ गए थे. उस समय कथित रूप से धर्म विशेष पर टिप्पणी को लेकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा था. इसी क्रम में उनके नाम को लेकर भी काफी चर्चा हो रही थी, कि उनका असली नाम क्या है. मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक उनका असली नाम फैजल खान है और वे यूपी के गोरखपुर के रहने वाले हैं.
भाई और पिता फौज में
कहा जा रहा है कि खान सर के पिता फौज में अफसर थे और उनके बड़े भाई भी फौज में कमांडो हैं. खान सर भी फौज में जाना चाहते थे. उन्होंने 12वीं क्लास के बाद फौज में शामिल होने के लिए एनडीए की परीक्षा दी लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया तो उन्होंने कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया.
यूट्यूब पर हैं करोड़ो फॉलोवर्स
खान सर के यूट्यूब पर करीब डेढ़ करोड़ फॉलोवर्स हैं. वे अपने खास अंदाज़ में पढ़ाने के लिए खाफी मशहूर हैं. खास कर यूपी बिहार सहित उत्तर भारत के राज्यों में उन्हें काफी पसंद किया जाता है. उनका कहना था कि वे टेक्निकली बहुत अच्छे नहीं हैं लेकिन कोरोना टाइम में कोचिंग संस्थान बंद होने के बाद उन्होंने ऑनलाइन यूट्यूब पर पढ़ाना शुरू किया था. बाद में उनके चैनल के सब्सक्राइबर्स डेढ़ करोड़ हो गए.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि रेलवे द्वारा ग्रुप डी और एनटीपीसी के नियमों में बदलाव करने की वजह से छात्रों में काफी गुस्सा है, हालांकि रेलवे मंत्री ने एनटीपीसी और लेवल 1 परीक्षा को टालने का आदेश दे दिया है. लेकिन, फिर भी विरोध शांत नहीं हो रहा है. छात्र खान सर सहित अन्य टीचर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने का विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा सरकार ने एक कमेटी भी बना दी है जो कि छात्रों की शिकायतों का निवारण करेगी. सभी पक्षों की बातें सुनकर कमेटी अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपेगी.
किए गए थे लाखों ट्वीट्स
इस हिंसक प्रोटेस्ट के पहले छात्रों ने सोशल मीडिया पर प्रोटेस्ट किया था. रिजल्ट आने के बाद लगभग दस दिनों तक ट्विटर पर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कैंपेन चलाया गया. इस दौरान कथित तौर पर करीब 90 लाख ट्वीट्स किए गए. छात्रों के मुताबिक जब सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया तब वे रोड पर उतरने को मजबूर हुए.
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