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Thursday, 25 April, 2024
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रेलवे की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों का प्रदर्शन: परीक्षा स्थगित, समिति गठित, मंत्री ने शांति की अपील की

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नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का बुधवार को फैसला किया। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रदर्शनकारी छात्रों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने का आग्रह किया और उनकी शिकायतों के समाधान का आश्वासन दिया।

परीक्षाएं स्थगित किए जाने और मंत्री के बयान को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार द्वारा कदम पीछे खिंचने के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि रेलवे ने तोड़फोड़, उपद्रव में लिप्त पाए जाने वाले उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी नहीं देने पर विचार करने की बात कही थी।

रेल मंत्री वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं उम्मीदवारों से कहना चाहूंगा कि यह उनकी अपनी संपत्ति है। वे अपनी ही संपत्ति को क्यों नष्ट कर रहे हैं? हालांकि, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने पर अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे।’’

रेल मंत्रालय में प्रधान कार्यकारी निदेशक (औद्योगिक संबंध) दीपक पीटर गेब्रियल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी।

सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों का दो दिनों तक प्रदर्शन और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन फैलने की आशंका के मद्देनजर रेलवे उक्त कदम उठाने को मजबूर हुआ।

बिहार के गया जंक्शन पर भीड़ ने नारेबाजी की और भभुआ-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस में आग लगा दी, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पटना के बाहरी इलाके तारेगाना और जहानाबाद में भी प्रदर्शन हुए, हालांकि वहां के प्रदर्शनकारी समझाने के बाद शांत हो गए। सीतामढ़ी में रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाई। पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, बक्सर और भोजपुर जिलों से भी विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं।

उत्तर प्रदेश में, पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया और लगभग 1,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित तौर पर दंगा करने और पटरियों को अवरुद्ध करने के आरोप में मामला दर्ज किया। मंगलवार को अनावश्यक बल प्रयोग करने पर छह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपियों ने अशांति पैदा करने के लिए ‘‘कुछ राजनीतिक दलों से पैसे’’ लिए थे। पुलिस भी इस पहलू को भी ध्यान में रखते हुए घटना की जांच कर रही है।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रदर्शन करने वाले नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के खिलाफ बल प्रयोग की निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार को छात्रों के छात्रावासों में तलाशी लेने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कार्रवाई पर रोक लगानी चाहिए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि छात्र देश की और अपने परिवार की उम्मीद हैं तथा जोर दिया कि ‘‘अहिंसक विरोध से स्वतंत्रता ले सकते हैं तो अपना अधिकार क्यों नहीं?’’

बहरहाल, रेल मंत्री ने कहा, ‘‘मैं उम्मीदवारों से अपनी शिकायतों को औपचारिक रूप से सामने रखने का आग्रह करता हूं। हमारा इरादा इस मुद्दे को जल्दी से हल करने का है। एक समिति बनाई गई है और यह उम्मीदवारों के आवेदनों पर गौर करेगी।’’

वैष्णव ने कहा, ‘‘मैं छात्रों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का अनुरोध करता हूं। हम उनकी शिकायतों और चिंताओं को गंभीरता से लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि सभी रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्षों को उम्मीदवारों की चिंताओं को सुनने, उन्हें संकलित करने और समिति को भेजने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कहा, ‘‘इस उद्देश्य के लिए एक ईमेल एड्रेस शुरू किया गया है। समिति देश के विभिन्न हिस्सों में जाएगी और शिकायतों को सुनेगी।’’

उम्मीदवार दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने के रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अंतिम चयन के लिए दूसरा चरण उन लोगों को ‘‘धोखा देने’’ के समान है जो कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के लिए आरआरबी-एनटीपीसी के पहले चरण में उपस्थित हुए और पास हुए।

लगभग 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन दिया था, जिसमें स्तर दो से स्तर छह तक 35,000 से अधिक पदों का विज्ञापन किया गया था।

परीक्षा को लेकर विवाद तब पैदा हुआ जब उम्मीदवारों ने रेलवे के गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) में भर्ती अभियान की स्क्रीनिंग प्रक्रिया का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि परीक्षा उच्च योग्यता वाले छात्रों के पक्ष में बनाई गई है यहां तक कि उन नौकरियों में भी जहां कम योग्यता की आवश्यकता होती है।

हालांकि, रेल मंत्री ने कहा, ‘‘शिकायत करने वालों के लिए, हमें समाधान खोजना होगा और संवेदनशीलता से निपटना होगा। हम कानूनी रूप से स्नातकों को ‘टेन प्लस टू’ योग्यता वाले पदों पर आवेदन करने से नहीं रोक सकते।’’

भाषा आशीष अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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