ईटानगर, 21 जून (भाषा) ईटानगर में मंगलवार को भूस्खलन के बाद एक मुख्य मार्ग अवरुद्ध होने का कारण, बड़ी संख्या में वाहन घंटों तक फंसे रहे और यातायात जाम हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन सुबह करीब साढ़े दस बजे चिम्पू के पास ईटानगर-होलोंगी मार्ग पर हुआ।
अधिकारियों ने कहा कि सड़क के दोनों किनारों पर भूस्खलन के बाद बड़ी संख्या में चारपहिया और दोपहिया वाहन फंस गये हैं।
हालांकि प्रशासन ने मलबा हटाने के लिए कर्मियों और मशीनरी पर दबाव डाला है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि सड़क को यातायात लायक बनाने में कम से कम एक या दो दिन लगेंगे।
यह सड़क राज्य की राजधानी का दूसरा मार्ग है, जबकि अन्य मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)- 415 है, जो बंदरदेवा, नाहरलागुन और ईटानगर को जोड़ता है।
बता दें कि एनएच-415 पर भी लगातार भूस्खलन हो रहा है और सोमवार को इसे कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया गया था।
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के कई जिलों में भूस्खलन और बाढ़ आ गई, जिससे सड़क संपर्क बाधित हो गया। राज्य में 18 जून से अब तक बारिश के कारण हुए हादसों में चार लोगों की मौत हो चुकी है।
भूस्खलन के कारण चांगलांग जिले में मार्गेरिटा-चांगलांग मार्ग, पापुम पारे में होज-पोटिन मार्ग, पश्चिम कामेंग में बालेमू-बोमडिला मार्ग और ट्रांस अरुणाचल राजमार्ग अवरुद्ध हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग (एनडीआरएफ) ने सभी उपायुक्तों को किसी भी घटना से तुरंत निपटने के लिए सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। यह शुरुआती चेतावनियों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) जैसी एजेंसियों के संपर्क में भी है।
प्रभावित लोगों को आश्रय देने के लिए सभी जिलों में राहत शिविर बनाए गए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी में बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आए 279 घरों को खाली कराने और लोगों को स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, भूस्खलन और बाढ़ ने अप्रैल से अब तक 87 गांवों में 524 घरों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे कुल 11 हज़ार लोग प्रभावित हुए हैं।
भाषा फाल्गुनी नरेश
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