scorecardresearch
Sunday, 5 May, 2024
होमदेशअपराधतेज रफ्तार वाहनों से सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 2.37 प्रतिशत से बढ़कर 1.51 लाख : रिपोर्ट

तेज रफ्तार वाहनों से सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 2.37 प्रतिशत से बढ़कर 1.51 लाख : रिपोर्ट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2018 में चार लाख 67 हजार 044 सड़क दुर्घटनाओं ने बढ़ाए मौत के आंकड़े.

Text Size:

नई दिल्ली : देश में 2018 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या एक साल पहले के मुकाबले 2.37 प्रतिशत बढ़कर एक लाख 51 हजार 471 तक पहुंच गईं. इस दौरान कुल मिलाकर चार लाख 67 हजार 044 सड़क दुर्घटनायें हुई. तेज रफ्तार गाड़ी चलाना और गलत दिशा में गाड़ी चलाना दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह रही. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी.

रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटनाओं में जितनी जानें गयीं, उनमें सबसे ज्यादा जानलेवा दुर्घटनायें छोटी सड़कों पर हुईं. वहीं करीब 60 प्रतिशत जानें राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्यस्तरीय सड़कों पर हुई दुर्घटनाओं में गईं. इन दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा दुपहिया वाहन चालक मारे गये. उसके बाद पैदल और साइकिल सवार लोग दुर्घटनाओं के शिकार हुये. वहीं इन दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों में सबसे ज्यादा 18 से 45 आयुवर्ग के लोग रहे.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस सालाना रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार वाहन चलाना रहा. तेज रफ्तार वाहन चलाने की वजह से 2018 में 64.4 प्रतिशत यानी 97 हजार से अधिक लोगों की मौतें हुई. वहीं गलत दिशा में वाहन चलाने की वजह से 8,785 लोग (5.8 प्रतिशत) मारे गये. वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से 3,635 लोग (2.4 प्रतिशत) और शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से 4,241 (2.8 प्रतिशत) लोगों की दुर्घटना में मौत हुई.

बिना वैध लाइसेंस अथवा लर्निंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने वाले 13 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण बने. दुपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट नहीं पहनने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में 29 प्रतिशत मौतें हुई. वहीं 16 प्रतिशत मौतों की वजह सीटबेल्ट नहीं पहनना रहा. सड़क दुर्घटनाओं में हुई 41 प्रतिशत मौतों में दस साल से ज्यादा पुराने वाहनों का इस्तेमाल था, वहीं क्षमता से ज्यादा लोगों को बिठाने से 12 प्रतिशत मौतें हुईं.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के परिवहन शोध विभाग द्वारा जारी इस सालाना रिपोर्ट के अनुसार 2018 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा 30.2 प्रतिशत दुर्घनायें हुई जिनमें 35.7 प्रतिशत लोग मारे गये. वहीं राज्य स्तरीय राजमार्गों पर 25.2 प्रतिशत दुर्घटनाओं में 26.8 प्रतिशत मौतें हुईं. वहीं अन्य सड़कों का कुल दुर्घटनाओं में 45 प्रतिशत हिस्सा रहा और इनमें 38 प्रतिशत लोगों की जानें गईं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 18 से 45 आयुवर्ग के युवा शिकार हुये हैं. वहीं इन दुर्घटनाओं में 18 से 60 साल आयुवर्ग की बात की जाये तो सड़क दुर्घटनाओं में मारे गये लोगों में इस आयुवर्ग के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा 84.7 प्रतिशत रही. दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 86 प्रतिशत पुरुष और 14 प्रतिशत महिलाओं की जान गई.

मंत्रालय की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में पिछले साल के मुकाबले मामूली 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई. एक साल पहले 2017 में कुल 4,64,910 दुर्घटनायें हुईं थी, जो कि 2018 में बढ़कर 4,67,044 तक पहुंच गईं. हालांकि, दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या में इस दौरान 2.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की संख्या में आलोच्य अवधि में 0.33 प्रतिशत की कमी आई.

रिपोर्ट के अनुसार जहां 2010 तक सड़क दुर्घटनाओं, उनमें मरने वालों और घायल होने वालों की संख्या में तेज वृद्धि दर्ज की जा रही थी, वहीं इसके बाद के वर्षों में यह संख्या करीब करीब स्थिर हो गई और साल दर साल इनमें मामूली वृद्धि ही दर्ज की गई. वर्ष 2010 से 2018 की अवधि में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या की मिश्रित सालाना वृद्धि की बात की जाये तो इसमें काफी कमी आई है. सड़कों पर वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि के बावजूद पिछले दशकों के मुकाबले यह सबसे कम रही है.

सरकार ने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में अनेक कदम उठाये हैं. सड़कों पर वाहन चलाने के लिये लोगों को शिक्षित करने, वाहनों और सड़कों की बेहतर इंजीनियरिंग और परिवहन विभाग के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ाई गई है. इसके अलावा हाल ही में सरकार ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 को भी पारित कराया है.

share & View comments