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Monday, 27 October, 2025
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राजद समर्थकों में तेज प्रताप को लेकर भावना: ‘घी दाल में ही गिरता है’

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(नचिकेता नारायण)

महुआ (बिहार), 27 अक्टूबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव में वैशाली जिले के महुआ निर्वाचन क्षेत्र में दिलचस्प बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना है जहां बहुत सारे मतदाताओं के बीच यह धारणा हावी है कि यदि वे तेज प्रताप यादव के पक्ष में मतदान कर दें, तो भी लाभ उनकी पसंदीदा पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को ही मिलेगा।

राजद के कट्टर समर्थकों के बीच यह कहावत अक्सर सुनने को मिल जाती है कि “घी दाल में ही गिरता है”।

उनका कहने का अर्थ यह है कि कि यदि वे लालू प्रसाद के बड़े बेटे एवं राजद से निष्कासित तेज प्रताप यादव को वोट दें तब भी इससे राजद को ही फायदा होगा क्योंकि आखिरकार तेज प्रताप अपने पिता की पार्टी के साथ ही खड़े होंगे।

इस सीट पर राजद के अधिकृत उम्मीदवार मौजूदा विधायक मुकेश रौशन हैं।

रौशन लगातार यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि यदि मतदाता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं तो वोट उनके पक्ष में ही जाना चाहिए। तेजस्वी खुद समीपवर्ती सीट राघोपुर से लगातार तीसरी बार चुनावी मैरान में हैं। उन्हें ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है जिससे यादव मतदाता खासे उत्साहित हैं जिनकी महुआ में अच्छी-खासी तादाद है।

महुआ ने 2015 में तेज प्रताप को पहली बार विधायक चुना था, लेकिन 2020 में उन्हें समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से चुनाव में उतारा गया था। ऐसी चर्चा थी कि लोकप्रियता में कथित कमी के कारण महुआ उनके लिए “असुरक्षित” हो गया था।

तेज प्रताप और उनके पिता के बीच ताजा विवाद की वजह सोशल मीडिया ‘पोस्ट’ बनी, जिसमें तेज प्रताप ने अदालत में तलाक का मामला लंबित होने के बावजूद एक महिला से 12 साल से रिश्ते में होने का दावा किया। राजनीतिक विश्लेषक हालांकि मानते हैं कि असल नाराजगी तब बढ़ी जब तेज प्रताप ने कुछ समय पहले महुआ लौटने की घोषणा कर दी थी जिससे तेजस्वी खेमे के वफादार रौशन फूट-फूट कर रो पड़े थे।

तेज प्रताप (37) अब अपनी नयी पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ के बैनर तले चुनाव मैदान में हैं। तेज प्रताप ने कहा था कि “उस पार्टी (राजद) में लौटने से अच्छा मौत को चुनना’’ होगा, लेकिन उनके इस बयान को महुआ में लोग ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे।

तेज प्रताप का दावा है कि उन्होंने क्षेत्र में विधायक रहते हुए काफी काम किया और लोगों के लिए अधिक सुलभ रहे। वह अपने कार्यकाल में मंजूर हुए मेडिकल कॉलेज का श्रेय भी लेते हैं। उन्होंने वादा किया है कि यदि वह दोबारा चुने गए तो “अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनेगा, जहां भारत-पाकिस्तान मैच होगा”।

स्थानीय लोगों का कहना है, ‘‘मेडिकल कॉलेज एक वास्तविकता है। यह अलग बात है कि इसमें न तो कोई संकाय है और न ही अस्पताल में बिस्तर हैं, और इस विशाल भवन के द्वार बंद रहते हैं।’’

महुआ में मुकाबला बहुकोणीय होने से तेज प्रताप के लिए राह कठिन हो गई है। यादव वोट तेज प्रताप और मुकेश रौशन के बीच बंटने की संभावना है। मुस्लिम मतदाता यहां तीनों प्रमुख उम्मीदवारों – तेज प्रताप, रौशन और निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. अशमा परवीन के बीच बंट सकते हैं।

परवीन (50) चिकित्सक हैं और बताया जाता है कि वह लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती की करीबी हैं। उनके पिता इलियास हुसैन राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रहे हैं।

परवीन ने 2020 में जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए करीब 50 हजार वोट हासिल किए थे और दूसरे स्थान पर रही थीं।

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का प्रतिनिधित्व महुआ में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) करती है, जिसके अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान हैं। महुआ भी उन्हीं के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है।

इस सीट से इस बार लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के उम्मीदवार संजय सिंह मैदान में हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में जमानत गंवाई थी। सिंह राजपूत वर्ग से आते हैं और ऊपरी जातियों के वोट पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में चार-कोणीय इस मुकाबले में वे ‘छुपे रुस्तम’ के रूप में उभर सकते हैं।

इस सीट से कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जहां 2.95 लाख से अधिक मतदाता छह नवंबर को पहले चरण के चुनाव में अपने मतदान करेंगे।

भाषा कैलाश मनीषा सिम्मी हक

हक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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