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Thursday, 19 September, 2024
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आरजी कर मुद्दा : कनिष्ठ चिकित्सकों ने पुलिस पर लगाया तंबू लगाने वालों पर दबाव डालने का आरोप

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कोलकाता, 19 सितंबर (भाषा) सरकारी आर.जी.कर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में विभिन्न मांगों की लेकर राज्य के स्वाथ्य विभाग मुख्यालय के सामने धरना दे रहे कनिष्ठ चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पुलिस के दबाव के बाद तंबू लगाने वालों ने प्रदर्शन स्थल से तंबू, बांस बल्ली और पंखे हटाने शुरू कर दिये हैं।

पुलिस ने हालांकि, आरोपों का खंडन करते हुए इसे ‘आधारहीन’ करार दिया।

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि मध्यरात्रि के करीब तिरपाल, बिस्तर, तंबू, पंखे आदि दान करने वाले साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के बाहर धरनास्थल पर आए और तंबुओं को हटाने का कार्य शुरू कर दिया। इन लोगों ने इन चीजों को अपनी तरफ से दान किया था।

एक कनिष्ठ चिकित्सक ने दावा किया कि जब तंबू लगाने वालों ने तंबू को खोलना शुरू किया तो असमंजस की स्थिति पैदा हो गई, लेकिन उन्हें आश्वासन दिया गया कि इन वस्तुओं को जल्द ही बदल दिया जाएगा।

कनिष्ठ चिकित्सक ने बुधवार रात कहा, ‘‘ धरनास्थल पर प्रदर्शन की व्यवस्था लोगों से मिले दान से की गई। कुछ तंबू लगाने वालों ने स्वेच्छा से तंबू, पंखे, बांस बल्ली और बिस्तर मुहैया कराया था। जब हमने उनसे पूछा कि वे क्यों अपना सामान वापस ले जा रहे हैं तो उन्होंने बताया कि जल्द ही वे इन्हें बदल देंगे क्योंकि अभी उन्हें दुर्गा पूजा पंडाल लगाने के लिए इनकी जरूरत है।’’

हालांकि, कनिष्ठ चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार अपराह्न दावा किया कि तंबू लगाने वाले अपना सामान पुलिस के दबाव में वापस ले जा रहे हैं।

एक अन्य चिकित्सक ने बताया, ‘‘हमने शुरू में सोचा कि तंबू लगाने वाले दुर्गा पूजा पंडाल की साज-सज्जा करने के लिए ये सामान हटा रहे हैं। लेकिन बाद में हमें पता चला कि वे पुलिस के दबाव में ऐसा कर रहे। हम दोहराना चाहते हैं कि इस तरह के दबाव की रणनीति से हमारा संकल्प और मजबूत होगा।’’

बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए आधारहीन करार दिया।

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ ये आरोप आधारहीन हैं। क्यों पुलिस तंबू लगाने वालों पर दबाव बनाएगी? अगर प्रदर्शनकारी चिकित्सक किसी मुश्किल का सामना कर रहे हैं तो वे हमें सूचित कर सकते हैं। हम उनकी मदद करने के लिए हमेशा उपलब्ध हैं।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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