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Thursday, 14 August, 2025
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आरजी कर मामला : मार्च के दौरान पुलिस पर ‘हमला’ करने के आरोप में सात मामले दर्ज

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कोलकाता, 10 अगस्त (भाषा) कोलकाता पुलिस ने एक दिन पहले पश्चिम बंगाल सचिवालय तक मार्च के दौरान पुलिस कर्मियों के कामकाज में कथित रूप से बाधा डालने, उन पर हमला करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में भाजपा के दो विधायकों, पार्टी के एक नेता और अन्य के खिलाफ सात मामले दर्ज किए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अशोक डिंडा, अग्निमित्रा पॉल और पार्टी नेता कौस्तव बागची तथा अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारी ने कहा, ‘उन पर शनिवार के ‘नबान्न अभियान’ के दौरान पुलिस के कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने, अधिकारियों पर हमला करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।’

उन्होंने बताया कि पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन और हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज मामलों में गैर-जमानती धाराएं भी शामिल हैं।

सरकारी आरजी कर अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना की बरसी पर मार्च के दौरान कोलकाता और निकटवर्ती हावड़ा की सड़कों पर शनिवार को अराजकता का माहौल रहा। पुलिस की कार्रवाई में घायल हुईं पीड़िता की मां को सिर में चोट लगने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने एसएसकेएम अस्पताल का दौरा किया, जहां शनिवार के ‘नबान्न चलो अभियान’ के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में घायल हुए पांच पुलिसकर्मियों को भर्ती कराया गया है।

वर्मा ने कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज, अन्य वीडियो क्लिप और ड्रोन निगरानी के फुटेज की जांच की जा रही है। जब तक हम फुटेज का विश्लेषण नहीं कर लेते, हम कुछ नहीं कह पाएंगे। जिन लोगों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन किया, पुलिस कार्रवाई में बाधा डाली, अधिकारियों पर हमला किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, उनकी पहचान की जा रही है।’

पीड़िता की मां के इस आरोप पर कि शनिवार के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उनकी पिटाई की, वर्मा ने कहा, ‘यह जांच का हिस्सा है और हम मामले की जांच करेंगे। आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेंगे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पीड़िता की मां को लगी चोट खेदजनक है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। लेकिन ऐसा क्यों हुआ और आरोप सही है या गलत, इसकी जांच होनी चाहिए।’

पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि मार्च में शामिल होने के लिए जाते समय पुलिसकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। यह कथित घटना तब हुई, जब कोलकाता पुलिस ने मध्य कोलकाता के पार्क स्ट्रीट चौराहे पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके।

वर्मा ने कहा कि ‘किसी भी शिकायत की जांच की जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हमें कोई शिकायत नहीं भी मिलती है, तो भी हम जांच करेंगे। दरअसल, हमने कल के मामले की जांच शुरू कर दी है।’

यह पूछे जाने पर कि मार्च के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज को कुचलने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है, वर्मा ने कहा, ‘पुलिस कर्मियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को कुचलने के आरोपों की भी जांच चल रही है। हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं।’

पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर राज्य सचिवालय तक ‘नबान्न चलो अभियान’ के दौरान पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत कई चरणों में और कई स्थानों पर हुई। कोलकाता और हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने कम से कम तीन रैलियां निकालीं। इस दौरान पुलिस ने व्यापक व्यवस्था की थी, जिसमें प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लोहे के 10 फुट ऊंचे अवरोधक लगाए गए थे।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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