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Wednesday, 13 August, 2025
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रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष ओबीसी आरक्षण मॉडल की प्रस्तुति दी

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें 42 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के मॉडल के बारे में प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री के साथ इस बैठक में तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बी. महेशकुमार गौड़ और पार्टी की प्रदेश प्रभारी मीनाक्षी नटराजन के अलावा पार्टी विधायक और मंत्री शामिल थे।

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि तेलंगाना में सामाजिक न्याय, समानता और कमजोर वर्गों के सशक्तीकरण के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रयास के माध्यम से समाज और शासन में अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा समुदायों (ओबीसी) की अधिक भागीदारी की लड़ाई गति पकड़ रही है।

बाद में खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कांग्रेस पार्टी का सामाजिक न्याय 2.0, सामाजिक न्याय, समानता और कमज़ोर वर्गों के सशक्तीकरण के लिए एक नया आंदोलन तेलंगाना में शुरू हो गया है। राहुल गांधी के नेतृत्व में न्याय के लिए हमारी अटूट लड़ाई, दशकों से हाशिए पर पड़े एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों के लाखों लोगों को आवाज़ दे रही है।’’

उनका कहना है कि भारत की आबादी का व्यापक हिस्सा होने के बावजूद ओबीसी समुदाय की शीर्ष कॉरपोरेट बोर्ड, न्यायपालिका, नौकरशाही और प्रमुख संस्थानों में मौजूदगी नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए संसद में एक प्रश्न के उत्तर में कहा गया है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के लिए ओबीसी श्रेणी के 80 प्रतिशत पद और एसटी श्रेणी के 83 प्रतिशत पद रिक्त हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारी मांग थी कि देश भर में जाति जनगणना कराई जाए और आरक्षण पर मनमाने ढंग से लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा को हटाया जाए। इस सरकार ने भारी जन दबाव में, लेकिन सीमा को हटाए बिना, जाति जनगणना कराना स्वीकार कर लिया है।

उनके अनुसार, जिस वैज्ञानिक तरीके से तेलंगाना ने अपना सर्वेक्षण किया है, वह पूरे देश के लिए एक आदर्श होना चाहिए।

खरगे ने कहा, ‘‘इस अभूतपूर्व सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर तेलंगाना में हमारी सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की है। यह महत्वपूर्ण विधेयक वर्तमान में भारत के माननीय राष्ट्रपति की स्वीकृति की प्रतीक्षा में है।’’

भाषा हक हक गोला

गोला

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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