नई दिल्ली: मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन आयोग मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार इसकी जांच कराने के लिए तैयार है. जांच सेवानिवृत न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा के नेतृत्व वाली कमेटी द्वारा की जाएगी.
उन्होंने कहा, “कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से आयोजित ग्रुप-2 , सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच के लिये माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है. जांच में उक्त परीक्षा से संबंधित शिकायतों एवं जांच के दौरान उद्भूत अन्य प्रासंगिक बिंदुओं पर भी जांच की जाएगी. जांच के निष्कर्षों के आधार पर यथोचित अनुशंसायें 31 अगस्त 2023 तक राज्य सरकार के सामने रखी जाएगी.”
पटवारी भर्ती में थोड़ा सा संदेह पैदा हुआ, तो मैंने तय कर दिया कि अभी नियुक्ति नहीं, जांच होगी…
अगर गड़बड़ी मिली, तो दोषियों को मामा ठीक कर देगा। pic.twitter.com/pSF8AARs1V
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 19, 2023
क्या है मामला?
बता दें कि मध्यप्रदेश में बीते कई दिनों से युवा पटवारी परीक्षा परिणाम में कथित घोटाले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. युवाओं का कहना है कि रिजल्ट में अधिकतर चयनित छात्र-छात्राएं का परीक्षा केंद्र एक ही था. यहां तक की टॉप 10 में 7 छात्रों का परीक्षा केंद्र एनआरआई कॉलेज ग्वालियर है. इस केंद्र से कुल 144 छात्रों का चयन हुआ है.
साथ ही इस साल की परीक्षा में कुल 21 दिव्यांग अभ्यर्थी पटवारी की परीक्षा में सफल हुए हैं. इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन चयनित 21 छात्रों में से 12 छात्र एक ही परीक्षा केंद्र से हैं. परीक्षा का परिणाम आने के बाद से ही मध्यप्रदेश में कई जगहों पर युवाओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया जिसमें बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई. युवा इसकी जांच रिटायर्ड जज से कराने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद मामले को बढ़ता देख मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की बात कहीं.
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