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Saturday, 2 November, 2024
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पूर्व वित्त सचिव राजीव कुमार नए चुनाव आयुक्त बने, अशोक लवासा की जगह लेंगे

राष्ट्रपति ने नियुक्ति को मंजूरी दी. झारखंड कैडर के प्रशासनिक अधिकारी कुमार की नियुक्ति लवासा की जगह हुई है, जिनका इस्तीफा 31 अगस्त से प्रभावी होगा.

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नई दिल्ली: सेवानिवृत्त नौकरशाह राजीव कुमार शुक्रवार को नए चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए. वह अशोक लवासा का स्थान लेंगे, जो इस्तीफा दे चुके हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी. कुमार की नियुक्ति लवासा के स्थान पर हुई है जिनका इस्तीफा 31 अगस्त से प्रभावी होगा.

कानून एवं न्याय मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक, ‘संविधान के अनुच्छेद 324 के खंड (2) के अनुसार राष्ट्रपति ने राजीव कुमार (सेवानिवृत्त आईएएस) को चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया है. उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी नियुक्ति प्रभावी होगी.’

राजीव कुमार झारखंड कैडर के 1984 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं.

एशियाई विकास बैंक में शामिल होने के लिए चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने दिया इस्तीफा

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, जो मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे, ने मंगलवार को एशियाई विकास बैंक में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया.

सूत्रों के मुताबिक, लवासा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अगर उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो उन्हें 31 अगस्त को अपने कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाएगा.

दिप्रिंट ने लवासा से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. भारतीय चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी.

यदि लवासा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो अप्रैल 2021 में सुशील चंद्रा के लिए नए सीईसी बनने का रास्ता साफ हो जाएगा क्योंकि वर्तमान सीईसी सुनील अरोड़ा अगले साल अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

पिछले महीने, एडीबी ने निजी क्षेत्र के संचालन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए लवासा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया था. वह दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त होगा. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने एडीबी को कुछ नामांकित लोगों की सिफारिश की थी, जिसमें लवासा भी शामिल हैं.

लोकसभा चुनाव के बाद से विवाद

लवासा और उनका परिवार पिछले साल लोकसभा चुनावों के बाद से अक्सर सुर्खियों में रहा. कथित चुनाव उल्लंघनों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को क्लीन चिट देने के फैसले में अकेले लवासा इसके खिलाफ थे.

इसके बाद के महीनों में, लवासा की पत्नी नोवल और बेटे अबीर के खिलाफ आयकर नोटिसों की बौछार लगा दी गई.

1980 बैच के एक आईएएस अधिकारी लवासा का भारतीय चुनाव आयोग में दो साल का कार्यकाल बचा था. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा जैसे राज्यों में चुनावों की देखरेख के बाद वह अक्टूबर 2022 में सेवानिवृत्त होने वाले थे.

 

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