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Sunday, 6 October, 2024
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सेवानिवृत्त कर्मचारी को बिना गलती के परेशान नहीं किया जाना चाहिए: न्यायालय

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नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कोयम्बटूर के एक कॉलेज को निर्देश दिया कि एक एसोसिएट प्रोफेसर को सेवानिवृत्ति लाभों के देरी से भुगतान पर ब्याज अदा की जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी को उसकी गलती नहीं होने पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने कहा कि विलंबित भुगतान पर ब्याज अदा की जाए जो मामले में जांच रिपोर्ट पर आपत्तियों पर सरकार द्वारा लिये गये अंतिम फैसले पर निर्भर कर सकती है।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के पिछले साल अक्टूबर के आदेश के खिलाफ सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर की अपील पर फैसला सुनाया। उच्च न्यायालय ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा था कि अंतत: मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित निर्णय सरकार को लेना है।

पीठ ने कहा कि सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान आदि में देरी हुई जिसके लिए अपीलकर्ता बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं हैं, इसलिए उन्हें देरी से भुगतान पर ब्याज मिलनी चाहिए।

भाषा वैभव अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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