मुंबई: रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा है जबकि रिवर्स रेपो दर भी 4.90% पर बनी रहेगी. लगातार दूसरी बैठक में रेपो दर को स्थिर रखा गया है. रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की बृहस्पतिवार को घोषणा करते हुए कहा कि जब तक संभव है, वह नीतिगत रुख को उदार बनाये रखेगा.
रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 में पांच प्रतिशत रहने के अनुमान को बनाये रखा. बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में कहा, ‘रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर को तेज करने के अन्य उपाय अपनाए जाएंगे.’
दास ने आगे कहा, ‘आर्थिक वृद्धि 2020-21 में सुधारकर छह प्रतिशत हो सकती है, आर्थिक वृद्धि दर अभी भी अपनी संभावित क्षमता से कम है.’
बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘रेपो दर में की गयी कटौतियों का लाभ अब तक पूरा नहीं पहुंच पाया है.’ दास ने आगे कहा, ‘विदेशी मुद्रा भंडार पांच फरवरी तक सालाना आधार पर 58 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 471.8 अरब डॉलर पर पहुंचा.’
‘आर्थिक गतिविधियां नरम बनी हुई हैं. जिन चुनिंदा संकेतकों में हालिया समय में सुधार देखने को मिला है, व्यापक स्तर पर इनमें भी अभी तेजी आनी शेष है. वृद्धि दर की तुलना में मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति को लगता है कि स्थिति को यथावत रखा जाना चाहिये.’
उसने कहा कि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका है. उसने मुद्रास्फीति के परिदृश्य को बेहद अनिश्चित बताया.
रिजर्व बैंक ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का पक्ष लिया.
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के दौरान रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)