कोलकाता, 31 मई (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने ‘मशीन लर्निंग’ के जरिए क्रिस्टलीय पदार्थों की विशेषताओं का अनुमान लगाने के लिए भारत-कोरिया विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (आईकेएसटी) के सहयोग से ‘क्रिस-एक्सपीपी’ पद्धति विकसित की है।
आईआईटी खड़गपुर के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि अब तक क्रिस्टलीय पदार्थों की बड़े पैमाने पर जांच करना मुश्किल था तथा किसी क्रिस्टल के इलेक्ट्रॉनिक, चुंबकीय तथा इलास्टिक गुणों को निर्धारित करना अक्सर समय लेने वाला, खर्चीला तथा अत्यधिक गणना करने वाला होता था। कारण कि इसके लिए काफी प्रयोग करने की जरूरत पड़ती थी।
उन्होंने कहा कि मशीन लर्निंग एल्गोरिदम में काफी डेटा का इस्तेमाल होता है जिसमें स्रोत पदार्थ से बड़ी मात्रा में डेटा शामिल करने होते हैं।
इन कमियों को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने क्रिस-एक्सपीपी विकसित किया है जो एक मशीन लर्निंग प्रणाली है।
कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पवन गोयल ने कहा, ‘‘मशीन लर्निंग पद्धति तेज गति वाली होती है और इसमें महंगी गणना शामिल नहीं होती।’’
अनुसंधान के नतीजे एनपीजे कम्प्युटेशनल मेटेरियल्स में हाल में प्रकाशित हुए हैं।
भाषा
सुभाष नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.