नई दिल्ली : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक महिला के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दी कि वह शिकायतकर्ता से राखी बांधने का अनुरोध करेगा.
न्यायमूर्ति रोहित आर्य द्वारा 30 जुलाई को दिए गए आदेश में कहा गया है, ‘आवेदक 3 अगस्त 2020 को सुबह 11 बजे राखी के धागे और मिठाई के डिब्बे लेकर अपनी पत्नी के साथ शिकायतकर्ता के घर जाएगा और शिकायतकर्ता से अनुरोध करेगा कि वह उसे राखी बांधे… और आने वाले समय में अपनी क्षमता के अनुसार हरसंभव उसकी रक्षा करने का वादा भी करेगा.’
जमानत के लिए आवेदन करने वाले आरोपी, जिसकी पहचान विक्रम के रूप में बताई गई है, को शिकायतकर्ता को ‘ऐसे मौके पर आमतौर पर भाइयों द्वारा कुछ भेंट करने की परंपरा के अनुसार 11,000 रुपये देने के लिए कहा गया था.’
उसे शिकायतकर्ता के बेटे को ‘कपड़े और मिठाई आदि खरीदने के लिए’ 5,000 रुपये देने के लिए भी कहा गया था.
अदालत ने निर्देश दिया, ‘आवेदक शिकायतकर्ता और उसके बेटे को किए गए भुगतान की तस्वीरें और रसीद लेगा, और इस रजिस्ट्री के समक्ष इसे संबंधित मामले में रिकॉर्ड के तौर पर रखने के लिए.. वकील के जरिये जमा कराया जाएगा.’
विक्रम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 452 (चोट पहुंचाने, हमले या गलत इरादों के साथ घर में घुसने), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 (महिला को अपमानित करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
आरोपी को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने को कहा
आरोपी कथित रूप 20 अप्रैल को 2.30 बजे शिकायतकर्ता के घर गया था और वहां उसे परेशान करने का प्रयास किया था. हालांकि, जमानत की मांग करते हुए उसने दलील दी कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया था.
अदालत ने यह देखते हुए उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली कि वह दो महीने से अधिक समय जेल में बिता चुका है और उससे हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. उन्हें 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई.
जमानत की अन्य सामान्य शर्तों के अलावा, उसे अपने फोन पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने को भी कहा गया.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)