नई दिल्ली: भारत अपना 70वां गणतंत्र दिवस शनिवार को मना रहा हैं. परेड राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर निकलेगी. देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन होगा, जिसमें भारतीय वायु सेना का हवाई शो भी होगा. 90 मिनट की ये परेड 10 बजे राष्ट्रीय सैल्यूट से शुरू होगी, जिसके बाद सैन्य पुरुस्कार दिए जायेंगे. इस बार कई नई चीज़ें होंगी, जो पहली बार परेड में देखी जाएंगी
असम राइफल्स का महिला कंटिंजेंट
इतिहास में पहली बार महिलाओं का एक दस्ता परेड में हिस्सा लेगा. दस्ता असम राइफल्स जो कि देश की सबसे पुरानी पैरामिलिट्री सेना है, राजपथ पर कदम ताल मिलाकर परेड में शामिल होगी. फौज में 33 प्रतिशत महिला सैनिक पूर्वोत्तर भारत से आती हैं और बाकी पूरे देश से आती हैं. ये महिला अफसर सेना द्वारा तैनात की गई हैं. इनमें से कुछ महिला जवान जो परेड में भाग ले रहीं है वो मारे गए सैनिकों की पत्नियां हैं, जो अपने मारे गए पतियों के काम को आगे बढ़ा रही हैं.
महिला अफसरों के मोटरसाइकिल स्टंट
मोटरसाइकिल पर डेयरडेविल्स के कारनामों का परेड में सबसे ज्यादा इंतज़ार किया जाता है. इस बार कॉर्प्स ऑफ सिग्नल के दस्ते का नेतृत्व पहली बार एक महिला कर रही है. कैप्टन शिखा, स्वयं एक डेयरडेविल अफसर हैं और जलती हुई बाइक में वो इस कंटिंजेंट का नेतृत्व करेंगी.
नई सैन्य धुन
शंखनाद, एक सैन्य धुन है, जिसे भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया है पहली बार इस परेड में बजाई जायेगी. इस तरह की धुने सेना में युद्ध के दौरान जोश भरती है और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करती है.
आईएनए के सैनिक
चार सैनिक जो कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नैशनल आर्मी (आईएनए) में लड़े थे- चंडीगढ़ से लालती राम ( 98), गुरुग्राम से परमानंद (99), हीरा सिंह (97) और भागमल (95) राजपथ पर परेड में दिखेंगे. वे एक खुली जीप पर होंगे. आईएनए में भारतीय सैनिक थे, जिन्हें अंग्रेज़ों ने गिरफ्तार कर लिया था.
यूएलएच का प्रदर्शन
अपनी सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के अंतर्गत भारतीय सेना अपनी फौज में नए शामिल किये गये हॉविट्ज़र एम777 और के9 वज्र वाली सेल्फ प्रोपेल्ड गन्स का प्रदर्शन करेगी. 1980 के दशक में बोफोर्स के बाद से ये पहली आर्टिलरी तोप है जो सेना में शामिल की गईं हैं. एम77 को चीन से लगी उत्तरी सीमा में लगाया जायेगा. वहीं, के9 वज्र को पश्चिमी सेक्टर में रेगिस्तान में पाकिस्तान से लगती सीमा पर तैनात किया जायेगा.