नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कथित रूप से करोड़ों रुपये की बैंक ऋण धोखाधड़ी और एक व्हिसल ब्लोअर की मौत के मामले में उत्तराखंड के एक आईपीएस अधिकारी और अन्य के खिलाफ ‘समयबद्ध’ जांच संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार, केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई से जवाब तलब किया है।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अधिवक्ता राज किशोर चौधरी की दलीलों पर गौर किया और जांच एजेंसियों और सरकार को नोटिस जारी किये।
पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि जिन लोगों के खिलाफ याचिका में आरोप लगाए गए थे, उन्हें पक्षकार नहीं बनाया गया था।
पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा, ‘‘आपने इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं…आपने उन लोगों को क्यों नहीं जोड़ा जिनके खिलाफ आपने आरोप लगाए हैं।’’
निशांत रोहल नामक एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि अगस्त 2021 में व्हिसलब्लोअर मोहन सिंह की हत्या कर दी गई थी और उनकी मृत्यु को एक दुर्घटना के रूप में दिखाया गया था, साथ ही कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई थी, ।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले रोहल ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी और अन्य लोगों द्वारा ऋण धोखाधड़ी की गई थी, जो आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक कदाचार से संबंधित अपराधों के दायरे में आती है।
भाषा सुरेश पवनेश
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