कोच्चि, एक नवंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह को जाने वाली सड़क पर से अवरोधों को हटाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अनु शिवरमण का यह निर्देश अडानी समूह और बंदरगाह का निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी द्वारा दायर अवमानना अर्जी पर सुनवाई के दौरान के आया। इस बंदरगाह के निर्माण का विरोध आसपास रहने वाले हजारों मछुआरे कर रहे हैं।
अदालत ने प्रदर्शनकारियों के इस आश्वासन को रिकार्ड पर दर्ज किया कि वे बंदरगाह निर्माण स्थल जाने वाली सड़क को बाधित नहीं करेंगे।
सुनवाई के दौरान अडानी समूह ने उच्च न्यायालय को बताया कि अदालत ने निर्माण स्थल पर पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दिया है जिसे अबतक लागू नहीं किया गया है।
समूह ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अवरोधकों को हटा दिया है और इस समय प्रदर्शन स्थल पर करीब चार हजार लोग मौजूद हैं। कंपनी ने प्रदर्शन स्थल पर गाड़े गए तंबुओं को भी हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
वहीं, प्रदर्शनकारियों ने अदालत को बताया कि समझौते की कोशिश की जा रही है और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की मध्यस्थता में वार्ता चल रही है। इसलिए फैसले पर पहुंचने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि वह प्रदर्शन को रोक नहीं सकती, लेकिन साथ ही किसी को कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए या विझिंजम बंदरगाह के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था को खतरा पैदा नहीं होना चाहिए।
भाषा धीरज पवनेश
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