scorecardresearch
Friday, 20 December, 2024
होमदेशजामा मस्जिद में अकेली लड़की और लड़कियों के ग्रुप की एंट्री पर लगी रोक, स्वाति बोलीं- गलत फैसला

जामा मस्जिद में अकेली लड़की और लड़कियों के ग्रुप की एंट्री पर लगी रोक, स्वाति बोलीं- गलत फैसला

जामा मस्जिद के PRO सबीउल्लाह खान ने कहा - किसी तो टाइम देकर मस्जिद में आना, उसे गार्डन समझना, डांस करना, वीडियो बनाना किसी भी धर्म स्थल के लिए मुनासिफ नहीं है चाहे वो मस्जिद हो, मंदिर हो या फिर गुरुद्वारा हो.

Text Size:

नई दिल्ली: गुरुवार 24 नवंबर को जामा मस्जिद कमेटी ने मस्जिद के प्रवेश द्वार पर एक नोटिस लगाया. जिसके मुताबिक जामा मस्जिद में अकेली लड़की या लड़कियों का समूह अंदर नहीं जा सकते. मस्जिद के अंदर महिलाएं सिर्फ अपने परिवार के साथ ही आ जा सकती हैं.

जामा मस्जिद द्वारा महिलाओं, लड़कियों की इंट्री पर रोक लगाए जाने की सूचना के बाद इसे आड़े हाथों लेते हुए दिल्ली वुमन कमीशन की अध्यक्ष  स्वामी मालीवाल ने जामा मस्जिद को न केवल नोटिस भेजा है ब्लिक गलत ठहराया है.

स्वाति ने ट्वीट किया है, ‘जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फ़ैसला बिलकुल ग़लत है. जितना हक एक पुरुष को इबादत का है उतना ही एक महिला को भी.’

स्वाति ने ट्वीट किया है कि, ‘मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं. इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है.’

 

इस मामले पर जामा मस्जिद के PRO सबीउल्लाह खान ने कहा, ‘अकेली लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. यह एक धार्मिक स्थल है, इसे देखते हुए निर्णय लिया गया है. इबादत करने वालों के लिए कोई रोक नहीं है.’

 

PRO ने आगे कहा ‘महिलाओं के आने पर रोक नहीं है पर जो अकेली लड़कियां यहां आती हैं लड़कों को टाइम देकर यहां आती हैं. गलत हरकतों और टिकटॉक पर बनाए जा रहे वीडियो की घटनाओं को रोकने के लिए ये निर्णय लिया गया है.’

इससे पहले भी कई बार मंदिरों में बनाएं जा रहे वीडियो के खिलाफ हिंदू समुदाय के लोगों और पंडितों ने विरोध किया है. देश में कई मंदिर परिसर में वीडियो बनाना एवं सेल्फी लेना वर्जित किया गया है.

PRO सबीउल्लाह खान ने कहा – ‘किसी तो टाइम देकर मस्जिद में आना, उसे गार्डन समझना, डांस करना, वीडियो बनाना किसी भी धर्म स्थल के लिए मुनासिफ नहीं है चाहे वो मस्जिद हो, मंदिर हो या फिर गुरुद्वारा हो. ‘

उन्होंने आगे कहा ‘हमारा प्रतिबंध लगाने का मतलब है मस्जिद इबादत करने की जगह है यहां सिर्फ इबादत होगी. धार्मिक स्थल के प्रोटोकॉल का पालन करना जरुरी है.’


यह भी पढ़ें: TN में पैठ बनाने और ‘बाहरी’ का टैग हटाने की कोशिश में BJP का काशी का बड़ा आयोजन कितना फिट बैठता है


share & View comments