देहरादूनः उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को जोशीमठ के भूधंसाव प्रभावितों को सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिए एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजने तथा उन्हें किराए के मकान के लिए दी जाने वाली धनराशि बढ़ा कर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु एवं आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि भू-धंसाव प्रभावितों के भवनों का एक जिला स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति का आंकलन कराते हुए उनके लिए सहायता राशि उपलब्ध कराने के संबंध में एक सप्ताह के अंदर पैकेज तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
हालांकि, इस बीच राज्य सरकार के संसाधनों से अल्पकालिक एवं मध्यकालिक कार्य जारी रहेंगे जिन पर होने वाले व्यय का समायोजन केंद्र से राहत पैकेज मिलने पर कर लिए जाने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी.
इसके अलावा, राज्य मंत्रिमंडल ने जोशीमठ के भूधंसाव प्रभावितों को मकान किराए के रूप में दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर पांच हज़ार रुपये प्रतिमाह करने का फैसला किया.
अधिकारियों ने बताया कि किराए के मकान में रहने वाले आपदा प्रभावितों को फिलहाल मुख्यमंत्री राहत कोष से किराये के रूप में अधिकतम छह माह तक 4000 रुपये प्रतिमाह दिए जाने की व्यवस्था है जिसे जोशीमठ भूधंसाव पीडितों के लिए बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
उन्होंने बताया कि अगर इस किराया राशि में और अधिक वृद्धि की आवश्यकता होती है तो इस संबंध में चमोली के जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया है.
राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी फैसला किया कि भू-धंसाव या भूस्खलन प्रभावित परिवारों को राहत शिविर के रूप में होटल या अन्य आवासीय इकाइयों में ठहराए जाने के लिए एसडीआरएफ मानकों के अनुसार, वास्तविक व्यय अथवा 950 रुपये प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही इस अवधि में उन्हें भोजन के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 450 रुपये दिए जाएंगे.
प्रभावितों के लघुकालिक पुनर्वास के लिए चमोली जिला प्रशासन द्वारा कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम गौख सेलंग तथा ग्राम ढाक में चयनित भूखंडों के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत वहां प्री-फेब्रीकेटेड संरचनाओं के निर्माण को भी मंत्रिमंडल ने सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान कर दी.
बैठक में यह भी तय किया गया कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों के बीच सर्वेक्षण कर उन्हें भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दिये जाने का निर्णय किया जाएगा.
जोशीमठ के प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को स्थायी अध्यासन या विस्थापन नीति निर्धारित होने से पूर्व अग्रिम धनराशि के रूप में डेढ लाख रुपये देने हेतु राज्य आकस्मिकता निधि से 45 करोड़ की धनराशि जारी की गयी है जिसे मंत्रिमंडल बैठक में अनुमोदित किया गया.
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने चार अन्य प्रस्तावों पर भी अपनी सहमति दी जिनमें जोशीमठ के आपदा पीड़ित परिवारों के नवंबर 2022 से अगले छह माह तक के लिए बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ करना, बैंकों आदि से लिए ऋण की वसूली एक साल के लिए स्थगित करना, प्रदेश के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन करना तथा जोशीमठ आपदा से संबंधित प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करना शामिल है.
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