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गुरूवार, 1 मई, 2025
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पाकिस्तान में जब तक जनता की सरकार नहीं आती रिश्तों में सुधार नहीं होगा : फारूक अब्दुल्ला

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श्रीनगर, एक मई (भाषा) नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को ‘‘विफल देश’’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जब तक पड़ोसी देश में जनता की सरकार नहीं चुनी जाती, तब तक नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के संबंध नहीं सुधरेंगे।

अब्दुल्ला ने यहां नेकां मुख्यालय में पार्टी के एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ मित्रता चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि दोनों देशों के बीच युद्ध के खतरनाक परिणाम होंगे।

अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध अंतिम विकल्प है, तो उन्होंने कहा, ‘‘तनाव तो है, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि यह अंतिम विकल्प है या नहीं। दोनों देशों के शासकों को इसका फैसला करना है।’’

हालांकि, पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध तभी सुधरेंगे जब सेना ‘‘चली जाएगी’’ और पाकिस्तान में जनता की सरकार बनेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि जब तक वहां सेना रहेगी, भारत और पाकिस्तान के संबंध कभी सुधरेंगे। पाकिस्तान के लोग भारत के साथ दोस्ती चाहते हैं, लेकिन वहां का मौजूदा शासक वर्ग नहीं। जब लोगों की सरकार आएगी, तो मुझे यकीन है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति होगी।’’

नेकां अध्यक्ष ने पाकिस्तान को एक ‘‘विफल देश’’ करार देते हुए कहा कि पड़ोसी देश के शासकों ने अपने लोगों की बेहतरी के लिए काम करने और स्थिति को सुधारने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए भारत के साथ टकराव को चुना है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘यदि युद्ध हुआ तो परिणाम खतरनाक होंगे, क्योंकि दोनों के पास परमाणु शक्ति है। यदि वे इसका प्रयोग करते हैं, तो केवल ईश्वर ही जानता है कि क्या होगा।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर ‘कठिन समय’ से गुजर रहा है और भविष्य में क्या होगा, इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देश युद्ध के मैदान में एक-दूसरे का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं। दुनिया भर में प्रयास किए जा रहे हैं कि यह (युद्ध) न हो और हमले के पीछे के लोगों और उनके साजिशकर्ताओं को पकड़ने का कोई रास्ता निकाला जाए। दुनिया इसे रोकने में कितनी सफल होगी, यह तो ईश्वर ही जानता है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करने के कदम को मानवता के खिलाफ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘मानवीय आधार पर मैं कह सकता हूं कि यह कार्रवाई ठीक नहीं है और मानवता के खिलाफ है। वे यहां 70 साल या 25 साल या पांच साल से रह रहे हैं, वे यहां थे, उनके बच्चे यहां थे, यहां पढ़ रहे थे। उन्होंने भारत को नुकसान नहीं पहुंचाया है। वास्तव में, उन्होंने भारत को स्वीकार कर लिया है। इसलिए, इसके अच्छे परिणाम नहीं होंगे।’’

अब्दुल्ला ने देश में जाति आधारित गणना कराने की केंद्र सरकार की घोषणा को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘लोग पहले दिन से ही इसकी मांग कर रहे थे, यह कोई नयी बात नहीं है। यह अच्छी बात है। कोई कहता है कि मुसलमान 11 या 12 करोड़ हैं, कोई 14 तो कोई 22 करोड़।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘इसलिए पहली बार हमें पता चलेगा कि वहां कितने लोग ब्राह्मण हैं, कितने अन्य जाति के हैं और कितने मुस्लिम, सिख या ईसाई या अन्य हैं। हमें पता चल जाएगा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’

केंद्र शासित प्रदेश के बाहर जम्मू-कश्मीर के निवासियों को परेशान किए जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ लोगों को दूसरों को परेशान करने की आदत है लेकिन हमें उनसे डरना नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘केवल यहां की सरकार ही नहीं, बल्कि अन्य सरकारें भी यह देख रही हैं कि ऐसा न हो। हमारे देश में ऐसे लोग हैं… उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि देश में क्या होगा, उन्हें लोगों को परेशान करने की आदत है।’’

नेकां अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या महात्मा गांधी की हत्या करने वाला (नाथूराम) गोडसे यहीं (भारत) का नहीं था? ऐसे लोग हैं, ऐसे लोग होंगे और हमें उनसे डरना नहीं चाहिए।’’

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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