scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशNEET-PG दाखिले को लेकर केंद्र सरकार ने EWS आरक्षण मामले में SC से तत्काल सुनवाई करने को कहा

NEET-PG दाखिले को लेकर केंद्र सरकार ने EWS आरक्षण मामले में SC से तत्काल सुनवाई करने को कहा

नीट-पीजी प्रवेश के मामले में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा कि समिति ने अनुशंसा की है ‘केवल उन्हीं परिवारों को ईडब्लयूएस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिले, जिनकी पारिवारिक सालाना आय आठ लाख रुपये तक है.’

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्र ने ‘किसी अत्यावश्यक स्थिति’ का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय से सोमवार को अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) दाखिले के संबंध में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण संबंधी मामले की सुनवाई मंगलवार को निर्धारित करे.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की ओर से न्यायालय के समक्ष इस मामले का जिक्र किया, जिसके बाद न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने उनसे कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आज का काम समाप्त होते ही, मैं प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना से मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध करूंगा.’ मेहता ने कहा कि यदि इस मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध करना संभव नहीं है, तो इसे बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है.

आरक्षण के क्रियान्वयन संबंधी सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने वाले चिकित्सकों की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि यदि इस मामले को मंगलवार या बुधवार को सूचीबद्ध किया जाता है, तो उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है.

फिलहाल इस मामले को छह जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न अस्पतालों के रेंजीडेंट डॉक्टर ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (फोर्डा) के बैनर तले बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईडब्ल्यूसी आरक्षण तय करने के मापदंड पर पुनर्विचार के केंद्र के फैसले के कारण नीट-पीजी की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई थी.

केंद्र ने शीर्ष अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि उसने ईडब्ल्यूएस के तहत लाभ हासिल करने के लिए पारिवारिक आय की सीमा आठ लाख रुपये सालाना या इससे कम कायम रखने की तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश को स्वीकार करने का फैसला किया है.

सरकार ने कहा था कि समिति के अनुसार, ईडब्ल्यूएस को परिभाषित करने के लिए परिवार की आय ‘व्यावहारिक मापदंड’ है और मौजूदा परिस्थिति में आठ लाख रुपये की वार्षिक पारिवारिक आय का मापदंड ईडब्ल्यूएस तय करने के लिए तार्किक प्रतीत होता है.

नीट-पीजी प्रवेश के मामले में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा कि समिति ने अनुशंसा की है ‘केवल उन्हीं परिवारों को ईडब्लयूएस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिले, जिनकी पारिवारिक सालाना आय आठ लाख रुपये तक है.’


यह भी पढ़ें: कृषि कानूनों को लेकर PM मोदी से मिला तो वो बहुत घमंड में थे: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक


 

share & View comments