कोलकाता, सात अगस्त (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नौ अगस्त को आरजी कर दुष्कर्म-हत्याकांड की पहली बरसी पर पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ के पास प्रस्तावित विरोध रैली के खिलाफ याचिका पर बृहस्पतिवार को कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया।
पिछले साल नौ अगस्त के कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना के विरोध में बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।
उच्च न्यायालय ने कहा कि रैली में हिस्सा लेने वाले लोगों को कानून का पालन करने वाले नागरिकों की तरह शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करना चाहिए और पुलिस या सरकारी अधिकारियों, इमारतों और सार्वजनिक संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रैली के खिलाफ कोई अंतरिम राहत न देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को ‘नबन्ना’ के पास के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करने और आयोजकों को विरोध-प्रदर्शन के लिए पर्याप्त वैकल्पिक स्थानों के बारे में सूचित करने की अनुमति होगी।
भाषा पारुल देवेंद्र
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