मुंबई, 28 सितंबर (भाषा) शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने पार्टी विधायक रोहित पवार को नोटिस जारी कर उनसे उनकी बारामती एग्रो लिमिटेड कंपनी की एक इकाई को बंद करने को कहा है।
रोहित पवार बारामती एग्रो लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और शरद पवार के रिश्ते में पोते हैं।
बारामती एग्रो पशु और कुक्कुट चारा उत्पादन, चीनी और एथनॉल उत्पादन, बिजली उत्पादन, कृषि उत्पादों की बिक्री, फल, सब्जी एवं डेयरी कारोबार से जुड़ी है और पवार के गृह नगर बारामती में पंजीकृत है।
रोहित पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किए पोस्ट में आरोप लगाया कि ‘दो प्रभावशली नेताओं’ की ओर से उनके खिलाफ ‘आधी रात को’ कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि ‘नफरत’ की वजह से उन्हें रात दो बजे एमपीसीबी का नोटिस मिला जिसमें उनकी कंपनी की एक इकाई को बंद करने का निर्देश दिया गया है।
अहमदनगर जिले के कर्जत-जामखेड से विधायक 37 वर्षीय पवार ने बृहस्पतिवार को अपना जन्मदिन मनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि एमपीसीबी ने राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई की है क्योंकि उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अलग रुख अपनाया है।
रोहित पवार ने कहा, ‘‘ जब मुश्किल आती है तो संघर्ष समाप्त नहीं होता। मैं इस लड़ाई को लड़ूंगा। मराठी लोगों की खासियत है कि वे अपना रुख और अपनी निष्ठा नहीं बदलते। मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं जिन्होंने मेरे खिलाफ कार्रवाई की है कि मैं कारोबारी पहले हूं और बाद में राजनीति में आया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई ऐसे लोग हैं जो राजनीति में पहले और बाद में बहुत अधिक अमीर बने। आपको ऐसे कदमों से कुछ हासिल नहीं होगा। युवा नफरत और बदले की राजनीति पसंद नहीं करते।’’ रोहित पवार ने कहा कि सच्चाई उनके साथ है।
राकांपा के युवा नेता ने कहा, ‘‘मेरे परिवार और कंपनी के कर्मचारियों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। मैं जन्मदिन पर मिले उपहार के लिए सरकार को धन्यवाद देता हूं। राज्य के युवा निश्चित तौर पर सरकार को वापसी उपहार देंगे।’’ उन्होंने कहा कि वह इस कदम के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
शरद पवार नीत राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे सरकार शरद पवार की प्रगतिशील एवं धर्मनिरपेक्ष विचारों को रोहित पवार द्वारा आगे ले जाने से चिंतित है।
उन्होंने कहा कि रोहित पवार के कारोबारी हितों के खिलाफ हालिया कार्रवाई संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की घटती लोकप्रियता से चिंतित है।
भाषा धीरज माधव
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