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Friday, 14 March, 2025
होमदेश‘टीएएसएमएसी’ मामले में ईडी का कानूनी रूप से सामना करने को तैयार: सेंथिल बालाजी

‘टीएएसएमएसी’ मामले में ईडी का कानूनी रूप से सामना करने को तैयार: सेंथिल बालाजी

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चेन्नई, 14 मार्च (भाषा) तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सरकारी शराब खुदरा विक्रेता ‘टीएएसएमएसी’ में 1000 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा निराधार है और यह एक सामान्य आरोप है तथा सरकार कानूनी रूप से इस मामले का सामना करने के लिए तैयार है।

आबकारी मंत्री ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली शराब कंपनी तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) पारदर्शिता के साथ काम करती है।

विपक्ष के नेता और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष ई के पलानीस्वामी ने कहा कि ईडी की तलाशी 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित है, लेकिन इस तरह का संदेह है कि जांच और कार्रवाई के परिणामस्वरूप 40,000 करोड़ रुपये तक की अनियमितताएं सामने आ सकती हैं।

बालाजी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ईडी अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कौन सी प्राथमिकी कार्रवाई शुरू करने का आधार बनी।

उन्होंने कहा, ‘‘मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’

मंत्री ने एक उदाहरण देते हुए सवाल किया कि यदि 4,700 दुकानों में से कुछ 10 दुकानों में गलतियां की गईं तो क्या टीएएसएमएसी प्रबंधन द्वारा उचित कार्रवाई और प्राथमिकी दर्ज करना गलत था।

उनका कहना था कि ईडी निचले स्तर पर कुछ लोगों द्वारा की गई अनियमितताओं के लिए शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आरोप कैसे लगा सकती है।

सरकार द्वारा संचालित टीएएसएमएसी का तमिलनाडु में शराब व्यापार पर पूर्ण एकाधिकार है और यह थोक विक्रेता है। यह राज्य भर में शराब की दुकानें संचालित करता है।

ईडी ने टीएएसएमएसी से शराब की अधिक आपूर्ति का ऑर्डर हासिल करने के लिए रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाया था। सेंथिल बालाजी ने कहा कि यह आरोप अस्वीकार्य है।

उन्होंने आरोपों को निराधार और गलत इरादे से लगाए गए बताते हुए कहा, ”इस दावे का कोई आधार नहीं है कि 1,000 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है।”

तमिलनाडु प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई का नाम लिए बिना सेंथिल बालाजी ने कहा कि एक नेता ने पहले ही 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया और बाद में ईडी के बयान में इसे दोहराया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन राज्य में हर जगह परिसीमन और त्रि-भाषा की नीति को चुनौती दे रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार इसे सहन नहीं कर सकी और उसने ईडी का दुरुपयोग किया है।

भाषा हक हक वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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