नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि आरईसीपी समझौता भारत के आर्थिक हित एवं राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के खिलाफ है.
भारत ने चीन समर्थित इस मुक्त व्यापार समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि भारत विशेष रूप से व्यापार घाटे, अनुचित आयात से मजबूत सुरक्षा एवं घरेलू वस्तुओं के लिए बाजार के बेहतर अवसर को लेकर अपनी मांग बरकरार रखने के लिए अपने रुख पर अडिग रहा है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘आरसीईपी में शामिल नहीं होने के बड़े एवं साहसी फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई. यह समझौता हमारे आर्थिक हितों एवं राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के खिलाफ था. मोदी है तो मुमकिन है.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों, डेयरी क्षेत्र, एमएसएमई और घरेलू विनिर्माण को लेकर चिंता जताई है. ‘इससे ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा.’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में शामिल नहीं होगा. भारत द्वारा उठाये गये मुद्दों और चिंताओं का संतोषजनक ढंग से समाधान नहीं होने पर उसने 16 देशों के बीच होने वाले इस समझौते से बाहर रहने का फैसला किया है.