बेंगलुरु: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को मची भगदड़ के सिलसिले में शुक्रवार सुबह बेंगलुरु में चार लोगों को हिरासत में लिया गया.
इन चारों में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले और डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के तीन कर्मचारी — सीनियर इवेंट मैनेजर किरण कुमार, बिजनसे अफेयर्स मामलों के उपाध्यक्ष सुनील मैथ्यू और सुमंत शामिल हैं. डीएनए एंटरटेनमेंट वह फर्म है जिसने जश्न का आयोजन किया था.
नाम न बताने की शर्त पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अभी तक केवल इन लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है.”
गिरफ्तारी के बाद चारों को बेंगलुरु के कब्बन पार्क थाने में रखा गया और सुबह 11 बजे मेडिकल जांच के लिए बॉरिंग अस्पताल ले जाया गया.
कब्बन पार्क थाने द्वारा आरसीबी, डीएनए एंटरटेनमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) की प्रशासनिक समिति के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के एक दिन बाद यह मामला सामने आया है. मीडिया खबरों के मुताबिक, केएससीए के कई सदस्यों का पता नहीं चल पाया है और अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है.
बेंगलुरु शहर के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त सीमांत कुमार सिंह ने शुक्रवार को दिप्रिंट से कहा, “हमने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है और कब्बन पार्क स्टेशन पर दर्ज एफआईआर के अनुसार कानूनी कदम उठा रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि जांच में उनकी भूमिका सामने आने पर पुलिस अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी.
आरसीबी और डीएनए एंटरटेनमेंट के प्रवक्ताओं को दिप्रिंट द्वारा किए गए कॉल का कोई जवाब नहीं मिला. दिप्रिंट ने केएससीए सचिव ए. शंकर से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
सिद्धारमैया सरकार ने कुप्रबंधन के लिए पुलिस, कार्यक्रम आयोजकों और आयोजन स्थल संचालकों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके परिणामस्वरूप यह त्रासदी हुई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
गुरुवार को एफआईआर दर्ज होने के कुछ घंटों बाद, सिद्धारमैया ने बेंगलुरु शहर के पुलिस प्रमुख बी. दयानंद और कम से कम चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की.
निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम) विकास कुमार विकास, पुलिस उपायुक्त (मध्य) शेखर एच. टेक्कन्नावर और अतिरिक्त आयुक्त (कब्बन पार्क) सी. बालकृष्ण शामिल हैं. कब्बन पार्क के निरीक्षक ए.के. गिरीश, जिन्होंने स्वप्रेरणा से एफआईआर दर्ज की थी, उनको भी निलंबित कर दिया गया.
इस बीच, विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर “बलि का बकरा बनाने” और भगदड़ के लिए खुद जिम्मेदारी नहीं लेने का आरोप लगाया है.
आरसीबी और डीएनए एंटरटेनमेंट के अधिकारियों की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने एक्स पर लिखा, “कर्नाटक सरकार में बैठे भेड़िये बेंगलुरु भगदड़ के पाप से खुद को मुक्त करने के लिए बलि का बकरा ढूंढ़ रहे हैं.”
The wolves in @INCKarnataka Govt continue to hunt for scapegoats to absolve themselves from the sin of Bengaluru Stampede.
Shame on CM @siddaramaiah and DCM @DKShivakumar. First they killed 11 innocent citizens, then they killed the morale of the police dept by suspending… https://t.co/Rv0m4izGE7
— R. Ashoka (@RAshokaBJP) June 6, 2025
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है. “वह (विपक्ष) राजनीतिक कारणों से बोल रहे हैं. मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करूंगा. पहली नज़र में इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों और जिन्होंने अपनी ज़िम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभाया, उन पर कार्रवाई की जा रही है.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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