हैदराबाद: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि यूरोप में जारी युद्ध नई चुनौतियां लेकर आया है, और अचानक दुनिया के सामने खाद्य और ऊर्जा का गंभीर संकट आ खड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि यह संकट ऐसे वक्त में आया, जब अर्थव्यवस्था कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद सामान्य होने जा रही थी.
आरबीआई के अर्थशास्त्र एवं नीति अनुसंधान विभाग के वार्षिक शोध सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने बड़े आकार के आंकड़ों के विश्लेषण का मौका दिया.
उन्होंने कहा कि कोविड की पहली लहर के दौरान आंकड़ों का संग्रह करना और आंकड़ों में सांख्यिकीय अंतराल पहली बड़ी चुनौती थी. उन्होंने आगे कहा, ‘यूरोप में युद्ध अपने साथ नई चुनौतियां लेकर आया वह भी ऐसे समय जब अर्थव्यवस्था महामारी की तीसरी लहर के बाद पूरी तरह से सामान्य होने जा रही थी. दुनिया के सामने अचानक ही गंभीर खाद्य एवं उर्जा संकट आ खड़ा हुआ.’
दास ने कहा, ‘तेजी से बदलती भूराजनीतिक परिस्थितियों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के विखंडन के रूप में एक नया जोखिम उभरा और इससे यह समझ में आया कि महत्वपूर्ण आपूर्तियों के लिए एक स्रोत पर निर्भरता को कम करने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा कि मार्च 2020 के बाद से कोविड-19 महामारी, यूरोप में युद्ध और सभी देशों में आक्रामक रूप से मौद्रिक सख्ती से आर्थिक अनुसंधान के लिए तरह-तरह की चुनौतियां सामने आई हैं.