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Sunday, 29 September, 2024
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आरबीआई ने दी पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को राहत, अब खाते से निकाल सकेंगे 50,000 रुपए

पहले यह सीमा 40,000 रुपये थी. बैंक के अब जमा खाताधारक अब छह महीने में एक बार में या फिर किस्तों में 50,000 रुपये तक की निकासी कर सकते हैं.

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मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घोटाले से जूझ रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों को धन निकासी के मामले में कुछ और राहत दी है. केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि पीएमसी बैंक के खाताधारक अब अपने खाते से 50,000 रुपए की निकासी कर सकेंगे. पहले यह सीमा 40,000 रुपये थी.

केंद्रीय बैंक ने सितंबर में पीएमसी के खाताधारकों पर धन निकासी के लिये छह माह का प्रतिबंध लगाया था. तब ग्राहकों को खाते से छह माह में मात्र 1,000 रुपए तक की निकासी की अनुमति दी गई थी. इसके बाद से आरबीआई कई बार सीमा बढ़ा चुकी है.

बैंक के अब जमा खाताधारक अब छह महीने में एक बार में या फिर किस्तों में 50,000 रुपये तक की निकासी कर सकते हैं.

यह चौथी बार है जब रिजर्व बैंक ने पीएमसी के ग्राहकों के लिए प्रति खाता निकासी की सीमा बढ़ाई है. केंद्रीय बैंक ने कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आने के बाद 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं. उसी समय प्रति ग्राहक केवल 1,000 रुपये निकासी की सीमा तय की गई थी. केंद्रीय बैंक के इस फैसले की काफी आलोचना हुई. रिजर्व बैंक ने पिछले महीने नकद निकासी सीमा को बढ़ाकर 40,000 कर दिया था.

केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को जारी बयान में कहा, ‘बैंक की नकदी की स्थिति की समीक्षा के बाद निकासी सीमा को और बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जा रहा है. इसमें पहले के 40,000 रुपये भी शामिल हैं.’

निकासी सीमा में की गई इस वृद्धि के बाद बैंक के 78 प्रतिशत से ज्यादा खाताधारक अपने खाते से समूची रकम निकाल सकेंगे.

रिजर्व बैंक ने जमाकर्ताओं को 50,000 रुपये की निर्धारित सीमा में बैंक के एटीएम से पैसे निकालने की अनुमति देने का भी फैसला किया है. इससे निकासी प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलेगी.

रिजर्व बैंक ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रखे हुये है और बैंक जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिये आगे भी जरूरी कदम उठाना जारी रखेगा.

सहकारी बैंकों में सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध: सीतारमण ने कहा

पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) बैंक संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दोहराया कि सहकारी बैंकों को नियंत्रण में रखने के लिये सरकार जरूरी विधायी बदलावों को लेकर प्रतिबद्ध है.

वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमसी बैंक संकट के बाद से वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक अधिकारियों के बीच तीन बैठकें हो चुकी हैं. देश की बैंकिंग प्रणाली में जमाकर्ताओं का भरोसा बनाये रखने के लिये ये प्रयास किये जा रहे हैं.

समाचार पत्र ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ के अड्डा कार्यक्रम को संबोधित करते हुये वित्त मंत्री ने कहा, ‘जहां कहीं भी जरूरत होगी, हम कानून में बदलाव करेंगे. यह बदलाव इस तरह का होगा कि आप जब भी अपने को बैंक बतायेंगे तो आपको बैंकिंग नियमन कानून के सिद्धांतों के तहत काम करना होगा.’

उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत समग्र समाधान के साथ आगे नहीं आ रही है लेकिन सरकार इस मामले में सहकारी बैंकों के लिये बेहतर निगरानी और नियमन की दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक तौर तरीकों पर इस तरह बात कर रहे हैं कि वित्तीय संस्थानों को अधिकतम संभव तरीके से चलाया जा सके ताकि लोगों का बैंकों में अपना धन रखने में विश्वास बढ़े.

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